दिल्ली के 25000 गेस्ट टीचर्स की नौकरी छीन किया बेरोजगार, मायूस शिक्षकों ने लगाई गुहार
स्वतंत्र प्रभात। एसडी सेठी।
दिल्ली। बेरोजगारी का पाठ पढाने वाली दिल्ली की आप की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के सरकारी ,और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढाने वाले करीब 25000 गेस्ट टीचरों की एक झटके में नौकरी छीनकर बेरोजगार कर सडकों पर ला दिया है। अब बेरोजगार हुए हजारों गेस्ट टीचरों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। बता दें कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने गर्मी की छुट्टियां पडने से पहले ही हजारों गेस्ट टीचरों को बेरोजगार कर घरों में बिठा दिया है।
इस बात को लेकर तमाम गेस्ट टीचर केजरीवाल से खासे खफा है। बेरोजगार हुए हजारो गेस्ट टीचरों का दर्द है कि उनकी नौकरी हर साल 10 मई तक चलती है, और इसके बाद जुलाई में फिर दोबारा से नौकरी की भाग दौड शुरू होती है। दिल्ली सरकार से खफा तमाम नौकरी से बेदखल कर दिए गैस्ट टीचरों के मुताबिक ये आदेश बेहद अन्यायपूर्ण है। दरअसल इस बार काॅनट्रैक्ट 1 जुलाई, 2023 से 30 जून ,2024 तक लागू था।
लेकिन केजरीवाल सरकार ने कांट्रैक्ट की तय शर्त को तोडते हुए, जून महीने की जगह 10 मई, 2024 को ही समर वेकेशन छुट्टियां शुरू हुई तभी उसी दिन से 25000 गैस्ट टीचर्स को बेरोजगार कर बाहर का रास्ता दिखा दिया।इस बावत ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के शौएब राणा ,नवीन का कहना है कि एकाएक यकदम 25000 गेस्ट टीचर्स की नौकरी छीन लेना कतई असंवेदनशील कृत्य है। उन्होंने दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय से इस आदेश को तुरंत वापिस लेने की गुहार लगाई है।
वहीं बेरोजगार कर घरों में बिठा दिए गए गैस्ट टीचरों ने आप पार्टी समेत तमाम राजनीतिक पार्टियों को ताना देते हुए कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान सभी दलों को बेरोजगारी का मुद्दा भडका कर अहम बना दिया जाता है। जबकि वोट बटोरने के बाद चुप्पी साधने वाले कथित रहनुमाओ ने क्या कभी स्थाई प्रबंध करने की आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि कथित रहनुमाओ द्वारा युवाओ को कब तक बेरोजगारी का झुनझुना बजाना होगा? इसका स्थाई निदान करना अब आवश्यक है।
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