9 आतंकी ठिकाने तबाह कर भारत ने लिखा नया सैन्य इतिहास, ऑपरेशन सिंदूर की 5 सबसे बड़ी बातें

9 आतंकी ठिकाने तबाह कर  भारत ने लिखा नया सैन्य इतिहास, ऑपरेशन सिंदूर की 5 सबसे बड़ी बातें

कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंक के अड्डों को खत्म कर दिया है। इस जवाबी कार्रवाई को नाम दिया गया है - ऑपरेशन सिंदूर। 6 और 7 मई की दरम्यानी रात भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान में मौजूद 9 बड़े आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया।

1.पाकिस्तान के पंजाब को बनाया गया पहली बार निशाना

भारत पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करता रहा है, लेकिन ये हमला कई मायनों में अलग और सबसे बड़ा है। पहली बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत को सीधे निशाने पर लिया गया है। ये वही इलाका है जहां जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे खूंखार आतंकी संगठनों के मुख्यालय हैं। इस बार भारत ने सिर्फ पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) तक सीमित रहकर कार्रवाई नहीं की, बल्कि बहावलपुर, शेखपुरा और सियालकोट जैसे संवेदनशील पाकिस्तानी शहरों में घुसकर आतंकी ढांचे को ध्वस्त किया।

2. वायुसीमा पार किए बिना हुआ हमला
इस ऑपरेशन की खास बात ये रही कि भारतीय वायुसेना ने अपनी वायुसीमा पार नहीं की, फिर भी दुश्मन के घर में घुसकर कहर बरपाया। भारत ने स्कैल्प क्रूज मिसाइलें और हैमर बम जैसे अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर आतंकियों के ठिकानों को खत्म कर दिया। सिर्फ 25 मिनट के ऑपरेशन में आतंक के खिलाफ भारत ने इतनी तेज और सटीक स्ट्राइक की, जिसकी मिसाल पिछले कई दशकों में नहीं मिलती।

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3. आतंकी संगठनों के मुख्यालय तबाह

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ऑपरेशन सिंदूर का एक बड़ा मकसद सिर्फ बदला लेना नहीं, बल्कि आतंक की जड़ पर वार करना था। इसीलिए भारत ने आतंकियों के मुख्य प्रशिक्षण और प्लानिंग कैंपों को पूरी तरह तबाह कर दिया। बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मरकज सुभान अल्लाह कैंप, शेखपुरा में लश्कर-ए-तैयबा का मरकज तैयबा कैंप, मुरीदके में 200 एकड़ में फैला लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर, मुजफ्फराबाद और कोटली में हिजबुल मुजाहिद्दीन के ट्रांजिट कैंप ये सभी ठिकाने वो जगहें थीं जहां से भारत में आतंकी भेजे जाते थे, जहां उन्हें हथियार, ट्रेनिंग और ब्रेनवॉशिंग दी जाती थी।

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4. 80 से ज्यादा आतंकियों का खात्मा
खुफिया सूत्रों और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हमले में करीब 80 आतंकी मारे गए। इनमें कई टॉप कमांडर और योजनाकार शामिल थे। जैश के सरगना मसूद अजहर के 10 रिश्तेदार और चार सहयोगी भी बहावलपुर में मारे गए हैं। मुजफ्फराबाद का सैयदना बिलाल कैंप – जहां से पहलगाम हमला प्लान हुआ था – पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। इससे आतंकियों के नेटवर्क को जबरदस्त झटका लगा है।

5. आतंक के खिलाफ निर्णायक संदेश
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक जवाबी हमला नहीं, बल्कि आतंक के खिलाफ भारत की नई रणनीति और साहसिक नीति का प्रतीक है। अब भारत सिर्फ जवाब देने तक सीमित नहीं, बल्कि दुश्मन की रणनीति को जड़ से खत्म करने के मूड में है। इस ऑपरेशन में वही संगठन निशाने पर थे जो पिछले 20 सालों से भारत में:, 2008 के मुंबई हमले, 2016 का उरी हमला, 2019 का पुलवामा हमला जैसी भयानक वारदातों में शामिल रहे हैं।

ऑपरेशन सिंदूर का नाम क्यों रखा गया?"सिंदूर" भारतीय संस्कृति में शक्ति, सम्मान और बलिदान का प्रतीक है। इस ऑपरेशन का नाम सिंदूर देना इस बात का संदेश है कि ये सिर्फ सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि हर भारतीय के आत्मसम्मान और शहीदों के बलिदान का बदला है। इस हमले के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना की प्रतिक्रिया में घबराहट साफ झलक रही है। वहां की मीडिया अब तक इस हमले को लेकर भ्रम की स्थिति में है, लेकिन सच ये है कि भारत ने पहली बार ऐसा हमला किया है जिसमें न सिर्फ आतंकी मारे गए, बल्कि पाकिस्तान की रणनीति की कमर तोड़ दी गई है।

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