स्व. बद्री प्रसाद उपाध्याय की 9वीं पुण्यतिथि पर संगीत ने दी श्रद्धांजलि, कलाकारों ने बांधा समां
संगीत संध्याकार्यक्रम की शुरुआत, प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक एवं स्व. उपाध्याय के शिष्य उस्ताद हजरत उमर ने भावपूर्ण गणेश वंदना
ब्यूरो/शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. जेपी तिवारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उरुवा बाजार, ने स्व. उपाध्याय के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “स्व. बद्री प्रसाद उपाध्याय संगीत के उच्च कोटि के विद्वान थे, जिन्होंने पूर्वांचल में शास्त्रीय संगीत की मजबूत नींव रखी। उनके शिष्य आज देश-विदेश में संगीत की ज्योति जला रहे हैं।”

संगीत संध्या की शुरुआत प्रसिद्ध ग़ज़ल गायक एवं स्व. उपाध्याय के शिष्य उस्ताद हजरत उमर ने भावपूर्ण गणेश वंदना"रख लाज मेरी गणपति अपनी शरण में लीजिए" से की। इसके पश्चात उन्होंने ग़ज़ल, भजन व लोकगीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। "मैं नजर से पी रहा हूँ", "आप तो चाँदनी में नहाकर", "देश को जब हमारी ज़रूरत पड़ी", जैसे गीतों ने माहौल को देशभक्ति और भावुकता से भर दिया। लोकगीत "हमरो बलमुआ भइलें गुलरी के फूल हो" ने ग्रामीण सांस्कृतिक रंगत को जीवंत कर दिया। उन्हें नाल वादन में संगत दी उस्ताद राम समुझ ने।
समापन पर स्व. उपाध्याय के पुत्र एडवोकेट संतोष उपाध्याय ने सभी आगंतुकों, कलाकारों व श्रद्धांजलि देने आए ग्रामवासियों के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम में अशोक पाण्डेय, खरभान पाण्डेय, लक्ष्मण पाठक, आदेश मिश्र, राम अचल राय, शिव सागर उपाध्याय, राम लखन तिवारी, गोपाल तिवारी सहित क्षेत्र के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। इस भावपूर्ण संगीतमय श्रद्धांजलि सभा ने न सिर्फ स्व. उपाध्याय को सच्ची श्रद्धांजलि दी, बल्कि उनके संगीत विरासत को पुनः जीवित कर दिया।

Comment List