अनपरा-शक्तिनगर राज्यमार्ग नियमों की अनदेखी से कोयला और राख का बेलगाम परिवहन, प्रदूषण से कराहते क्षेत्रवासी
अनपरा-शक्तिनगर राज्यमार्ग पर बेलगाम कोयला और राख परिवहन, प्रदूषण से त्रस्त हुए क्षेत्रवासी
अनपरा-शक्तिनगर क्षेत्र
अजयंत सिंह ( संवाददाता)
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में स्थित शक्तिनगर-अनपरा राज्यमार्ग पर कोयला और राख के परिवहन में व्याप्त अनियमितताओं ने स्थानीय निवासियों का जीवन दूभर कर दिया है। नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे इस परिवहन के कारण क्षेत्र में गंभीर प्रदूषण की स्थिति उत्पन्न हो गई है। शक्तिनगर औडी मुख्यमार्ग पर रेहटा, ककरी, वारफाल, रेणुसागर और अनपरा मोड़ तक का सफर अब मुश्किलों भरा हो गया है, क्योंकि ओवरलोड राख और कोयले से लदे वाहन कई किलोमीटर तक प्रदूषण फैला रहे हैं।
मुख्यमार्ग पर रेहटा मोड़ से अनपरा तक सड़क के किनारों पर धूल की मोटी परत जमी हुई है। जैसे ही वाहनों के टायर इन पर पड़ते हैं, धूल का घना गुबार उठता है, जिससे आसपास के वातावरण में प्रदूषण का स्तर अत्यधिक बढ़ जाता है। क्षेत्र में कुछ दिनों पहले हुई बारिश के कारण सड़कों के किनारे जमा धूल कीचड़ में बदल गई थी, जो अब वाहनों के चलने से मुख्यमार्ग पर फैल गया है। यह कीचड़ सूखने के बाद भी प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत बना हुआ है।
गौरतलब है कि स्थानीय खदानों से निकलने वाले कोयले और विद्युत परियोजनाओं से उत्सर्जित राख के परिवहन को लेकर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने स्पष्ट और सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य पर्यावरण को नुकसान से बचाना और स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है। हालांकि, वास्तविकता यह है कि जमीनी स्तर पर इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। क्षेत्र के परिवहनकर्ता अपनी मर्जी से ट्रकों का संचालन कर रहे हैं और एनजीटी के आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं।
एनजीटी के स्पष्ट आदेशानुसार, प्रत्येक ट्रक को पूरी तरह से त्रिपाल से ढका होना अनिवार्य है, ताकि परिवहन के दौरान कोयला या राख सड़क पर न गिरे और धूल न उड़े। लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। राजमार्ग पर चलने वाले अधिकांश ट्रकों पर त्रिपाल तो नजर आता है, लेकिन वह या तो फटा हुआ होता है या ठीक से बंधा नहीं होता है, जिसके कारण चलते ट्रकों से कोयला और राख लगातार पूरे हाईवे पर गिरता रहता है।
ट्रकों से गिरने वाला यह कोयला और राख न केवल वायु प्रदूषण का कारण बन रहा है, बल्कि यह सड़क पर दुर्घटनाओं का भी एक बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। इसका एक चिंताजनक उदाहरण बुधवार शाम लगभग 4 बजे ककरी महाप्रबंधक कार्यालय के पास देखने को मिला। इस घटना में, एक ट्रेलर से पास लेने के दौरान एक कार के ऊपर ट्रेलर से एक बड़ा कोयले का टुकड़ा गिर गया।
सौभाग्य से, कार में सवार किसी भी व्यक्ति को कोई चोट नहीं आई, लेकिन कार का साइड वाला हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया।शक्तिनगर-अनपरा राज्यमार्ग पर गिरते हुए कोयले के टुकड़े, राख और उड़ती हुई धूल ने स्थानीय निवासियों के दैनिक जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। दोपहिया वाहन चलाने वाले, हाईवे के किनारे अपनी दुकानें चलाने वाले व्यापारी और पैदल चलने वाले राहगीर सभी इस गंभीर प्रदूषण से त्रस्त हैं।
आलम यह है कि यहां सांस लेना भी दूभर हो गया है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।क्षेत्र के जागरूक निवासियों ने जिला प्रशासन और संबंधित विभागों से इस गंभीर समस्या पर तत्काल संज्ञान लेने और एनजीटी के नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने की पुरजोर मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही इस बेलगाम और गैर-जिम्मेदाराना परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया गया, तो क्षेत्र में श्वसन संबंधी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में तेजी से वृद्धि हो सकती है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि स्थानीय प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर कब और कैसी निर्णायक कार्रवाई करता है, ताकि अनपरा-शक्तिनगर राज्यमार्ग के आसपास रहने वाले निवासियों को इस जानलेवा प्रदूषण से कुछ राहत मिल सके और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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