ग्राम पंचायत सिकटिहवा का एक ऐसा सड़क जहां कूड़ा करकट पाट कर करवा दिया गया इंटरलॉकिंग
निर्माण के 2 महीने में इंटरलॉकिंग की खुली पोल
नव निर्मित इंटरलॉकिंग 2 महीने में ही कई स्थान पर धंसी
विशेष संवाददाता मसूद अनवर की रिपोर्ट
तुलसीपुर/बलरामपुर
ग्राम पंचायत के विकास के को लेकर जहां सरकार लगातार प्रयासरत है और इसी क्रम में लगातार ग्राम पंचायत को लाखों रुपए विकास के नाम पर प्रदान किया जाता है फिर भी गांव से विकास आज भी कोसों दूर है ।कारण बताया जाता है भ्रष्टाचार में लिप्त ग्राम पंचायत की व्यवस्थाएं जंहा विकास के नाम जमकर भ्र्ष्टाचार की तस्वीर सामने आती है और जो काम करवाया भी जाता है वह गुणवत्ता परक न हो कर मानकविहीन होता है।
ऐसा ही एक मामला जनपद बलरामपुर के विकासखंड तुलसीपुर के अंतर्गत आने वाले चर्चित ग्राम पंचायत सिकटिहवा का है जहां ग्राम प्रधान और सचिव के द्वारा जमकर भ्रष्टाचार का खेल खेला गया है। लाखों रुपए विकास के नाम खर्च करके बनाए जाने वाला सड़क की दुर्दशा 2 महीने में ही खुलकर सामने आ गई है। जहां सिकटिहवा गांव के मजरे ओडाझार खुर्द में सड़क इंटरलॉकिंग तो करवा दी जाती है। लेकिन विकास का हाल तो यह है की जो सड़क के लेबल को लेकर पटान की जाती है वह मिट्टी के स्थान पर कूड़ा कचरा और घास फूस डालकर पटाई कर दी जाती है जिसके चलते अभी नवनिर्मित दो महीने के अंदर बनाए गए इंटर लॉकिंग सड़क का बुरा हाल है और वह जगह जगह से धंस गई है जबकि इसके बनवाने को लेकर सरकारी पोर्टल मेरी पंचायत में जो खर्च दिखाया गया है वह लाखों में है ।इसके बाद भी गुणवत्ता और मानक का खुलेआम मजाक बनाया गया है। जिसको लेकर ग्राम पंचायत के लोगों द्वारा बताया गया की ग्राम प्रधान और सचिव के द्वारा यह कार्य 2 महीने पहले ही करवाया गया है और 2 महीने मैं ही इसका बुरा हाल हो गया है । ग्रामवासियों द्वारा कारण बताया जाता हैं कि सड़क के पटान को लेकर मिट्टी के स्थान पर घासपूष डाल पटाई किया गया है जिसके चलते निर्माण की यह स्थिति है जो जांच का एक बड़ा विषय है। और हुए कार्य का भौतिक सत्यापन कर अगर जांच करवाया जाए तो जांच के बाद सच्चाई सामने होगी कि विकास कार्य मे कितना बड़ा स्कैम है । जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है । अब देखना होगा कि विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा इस पर क्या कार्यवाही होती है ।
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