महर्षि विद्या मन्दिर नैनी में मनाया गया हिन्दी दिवस

महर्षि विद्या मन्दिर नैनी में मनाया गया हिन्दी दिवस

महर्षि विद्या मन्दिर नैनी में मनाया गया हिन्दी दिवस


स्वतंत्र प्रभात 

                           

मंगलवार को महर्षि विद्या मन्दिर नैनी में समृद्ध संस्कृति एवं संमृद्ध भाषा हिन्दी का गुणगान करते हुए बहुत ही हर्ष एवं उल्लास के साथ हिन्दी दिवस मनाया गया। 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा ने यह निर्णय लिया कि हिन्दी केन्द्र सरकार की अधिकारिक भाषा होगी। हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया। हिन्दी को प्रत्येक क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस का आयोजन किया जाता है।

कार्यक्रम प्रारंम्भ होने से पहले दीप प्रज्ज्वलित किया गया और विद्या की देवी माता सरस्वती का पूजार्चन एवं माल्यार्पण किया गया। हिन्दी दिवस कार्यक्रम की शुरुवात गणेश वन्दना से हुआ। विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने हिन्दी दिवस की प्रमुख भूमिका को प्रतिपादित करते हुए भाषण, संवाद , गीत एवं भजन प्रस्तुत किया जो वास्तव में सुनने एवं मानने योग्य रहा। “हिन्दी हमारी मातृभाषा है” एवं “विनास काले विपरीत बुद्धि” विषयों पर छात्र-छात्राओं द्वारा नाट्य मंचन किया गया जो वास्तव में अत्यन्त सराहनीय एवं मनमोहक रहा। छात्रों की इस प्रस्तुति से सभाकक्ष करतल ध्वनियों से गूँज उठा। 

विद्यालय की प्रधानाचार्या  पूजा चन्दोला ने छात्रों द्वारा की गयी  प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है। वर्ष 1953 में पहली बार हिन्दी दिवस मनाया गया तब से लेकर हर वर्ष 14 सितम्बर के दिन पूरे भारत में हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिन्दी एक ऐसी सार्वजनिक भाषा है जिसे हर जाति के लोग हर धर्मानुयायी लोग आसानी से बोल सकते हैं और समझ सकते हैं। “भाषाओं की शीर्ष पर बैठी, मेरी प्यारी हिन्दी भाषा”। इस सुन्दर कथन के साथ प्रधानाचार्या ने अपनी वाणी को विराम देते हुए सभी को धन्यवाद एवं हिन्दी दिवस की शुभ कामनाएँ दिया।

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