हरियाली पर धडल्ले चल रहा ठेकेदारों का आरा पुलिस व वन विभाग बना अनभिज्ञ

हरियाली पर धडल्ले चल रहा ठेकेदारों का आरा पुलिस व वन विभाग बना अनभिज्ञ

हरियाली पर धडल्ले चल रहा ठेकेदारों का आरा पुलिस व वन विभाग बना अनभिज्ञ



अवैध कटाई पर जुर्माना लगाकर  मामले को करते रफादफा महज खानापूर्ति


रायबरेली-

सरेनी थाना क्षेत्र में!वृक्षों के अंधाधुंध कटान से मानव जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है!पारा 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है!आग उगलती जमीन और सिर पर सूर्यदेव की तपिश से बचने के लिए पेड़ों की छाया ढूंढी जा रही है,लेकिन यही आलम रहा तो छाया दूर तक नसीब नहीं होगी!हरे-भरे वृक्ष माफियाओं की जकड़न में हैं!पेड़ मरते जा रहे हैं और जिला प्रशासन इस विनाश को होते देख रहा है!

वह दिन दूर नहीं जब जिले में दूर तक पेड़ नहीं दिखेंगे!होंगी तो बस कंक्रीट कंस्ट्रक्शन और तपती चौड़ी सड़कें और खुला आसमान!विभाग की मिलीभगत से तमाम जंगल उड़ता जा रहा है!हजारों बीघा जंगल पर माफियाओं ने कब्जा जमा लिया है!शासन के निर्देश पर प्रशासन की ओर से पर्यावरण संरक्षण को पौधारोपण करा रहा है!समाजसेवी संस्थाएं भी लोगों को जागरूक कर रही हैं!इसके बावजूद लकड़ी माफिया नहीं मान रहे हैं!पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से लगातार हरे पेड़ों का कटान हो रहा है!

जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में पहुंच जाता है तो थोड़ा-बहुत जुर्माना लगाकर मामला रफादफा कर दिया जाता है।वन माफियाओं पर कोई कार्रवाई न होने से इनके हौसले बुलंद हैं!पुलिस शिकायतकर्ता को ही हड़काती है!जिससे अब कोई शिकायत भी नहीं करता!शासन लाखों रुपये खर्च कर पेड़ लगवा रहा है तथा अन्य लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है!लेकिन क्षेत्रीय पुलिस व वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से पेड़ों का कटान हो रहा है!एक ऐसा ही मामला प्रकाश में आया है,जहां सरेेनी क्षेत्र के गांव प्रेम चक में रविवार को नीम के पेंड को लकड़ी ठेकेदार द्वारा काटे जाने का वीडियो वायरल हुआ।

वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि किस तरह वन माफिया द्वारा हरे नीम के पेड़ को काटकर जमींदोज कर दिया गया है!उल्लेखनीय है कि जब अवैध कटान की सूचना जिम्मेदारों को दी जाती है तो जिम्मेदारों द्वारा हर बार कि तरह रटा रटाया एक ही जवाब दिया जाता है कि मामले की जानकारी नहीं है,किसी को भेजकर मामले की जांच कराई जाएगी,जबकि जिम्मेदारों को जानकारी होती है 

बावजूद जिम्मेदार अनजान बने रहते हैं!वहीं एक लकड़ी ठेकेदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की पहले थाना पुलिस को हिस्सा पहुंचा देते हैं!उसके बाद ही कटान शुरू करते हैं!वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी भी खर्चा लेते हैं!जब मामला बड़े अधिकारियों के संज्ञान में पहुंच जाता है तो मामूली जुर्माना लगा दिया जाता है!

अंधाधुंध कमाई में लगी सरेनी पुलिस को कैसे चुस्त-दुरुस्त रखेंगे नवागंतुक कप्तान

रायबरेली मे जहां एक तरफ नवागत पुलिस अधीक्षक पुलिसिंग व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने,अवैध खनन एवं हरे पेड़ों के अवैध कटान को रोकने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं!वहीं सरेेनी क्षेत्र में पुलिस व वन कर्मियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से विभिन्न स्थानों पर हरे पेड़ों पर आरे चलाए जा रहे हैं!अंधाधुंध हरे पेड़ों की कटान कर ठेकेदार पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं और न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं!

शिकायत होने पर विभाग सिर्फ कागजी कोरम पूरा करता है!वन माफिया,वन कर्मी एवं पुलिस हरे पेड़ों को कटवा कर कमाई में मशगूल है!वही अंधाधुंध हो रहे हरे पेड़ों की कटान के बावजूद प्रशासन मौन है!अब देखना यह है कि जिले के कप्तान जो पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने में लगे हुए हैं,वह अंधाधुंध कमाई में लगी पुलिस को कैसे चुस्त-दुरुस्त करते हैं।

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