हम सभी लोग चाहते हैं कि वैश्विक लोकतंत्र स्थापित हो प्रो० विद्यानाथ झा

अन्तरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर लोगों ने दी बधाईयाँ


स्वतंत्र प्रभात 
 


संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित अन्तरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 15 सितम्बर पर मानवाधिकार, शान्ति और लोकतंत्र आधारित ढेरों राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं ने अपने ढंग से दिवस को मनाया और देशभर से बहुत से लोगों ने लोकतंत्र के इस अन्तरराष्ट्रीय महापर्व की बधाईयाँ दीं। 


इस दिवस पर वर्ल्ड पीस और वर्ल्ड पॉलिटिकल सिस्टम निर्माण की संस्था वर्ल्ड नेचुरल डेमोक्रेसी (डब्ल्यूएनडी) के अध्यक्ष एवं लेखक जावैद अब्दुल्लाह ने भी लोगों को विश्व लोकतंत्र दिवस की बधाईयाँ दीं। जावैद अब्दुल्लाह ने कहा कि डब्ल्यूएनडी प्रत्येक वर्ष इस दिवस को वार्षिक उत्सव के रूप में मनाती आ रही है। 


डेमोक्रेटिक सोसाइटी और डेमोक्रेसी दोनों की बुनियाद डायलॉग है। हम एक दूसरे से संवाद स्थापित करने में जितने निष्पक्ष और स्पष्ट रहेंगे लोकतंत्र उतना ही मज़बूत होगा। विश्व लोकतंत्र का स्वप्न भी उसी बुनियाद पर साकार होगा, जब हम वैश्विक समस्याओं पर मिलकर विचार करेंगे। इसका तात्पर्य दुनिया भर की सरकारों का एक टेबल के चारों ओर पानी की बोतल लेकर बैठने से नहीं है बल्कि देशों के नागरिकों को चाहिए कि वह अपने अस्तित्व का आँकलन ‘पृथ्वी ग्रह का वासी यानि एक धरतीवासी के रूप में करें; तभी मानव भविष्य सुरक्षित हो पायेगा।


 एमएलएसएम कॉलेज के भूतपूर्व प्रधानाचार्य एवं डब्ल्यूएनडी एडवाइज़री बोर्ड के सलाहकार प्रो० विद्यानाथ झा ने कहा कि लोकतंत्र दुनिया के किसी भी स्थान में आसानी से नहीं मिला है इसके लिए लोगों ने बहुत मेहनत की है। इसकी रक्षा भी मेहनत से की जानी चाहिए। भारत लोकतंत्र के 75वें साल में पहुँच चुका है, अब यह महसूस किया जा रहा है कि राष्ट्रीय लोकतंत्र का स्वरुप अन्तरराष्ट्रीय लोकतंत्र के रूप में परिणत हो। हम भले न कहते हों, परन्तु हम सभी लोग चाहते हैं कि वैश्विक लोकतंत्र स्थापित हो। 


यूएनओ की भी इसमें भूमिका होनी चाहिए लेकिन जब हम उसे मज़बूती देंगे तभी वह आगे बढ़कर इस काम को कर पायेगा। बनारस हिन्दू युनिवर्सिटी स्थित, मालवीय सेंटर फ़ॉर पीस रिसर्च के विभागाध्यक्ष प्रो० मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि लोकतांत्रिक सरकार के स्वरुप में सभी का होना चाहिए। सरदार पटेल सेंटर फ़ॉर नेशनल इंटीग्रेशन आरएमएल अवध विश्वविद्यालय अयोध्या के अन्तरराष्ट्रीय अध्ययन के सहायक प्राध्यापक डॉ० शैलेन वर्मा ने कहा कि इस वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस यह याद करने का अवसर है कि लोकतंत्र लोगों के बारे में है। 


लोकतंत्र समावेश, समान व्यवहार और भागीदारी पर आधारित है, और यह शान्ति, सतत विकास और मानवाधिकारों के लिए एक मौलिक निर्माण का भाग है। इग्नू के दर्शन विषय के परामर्शदाता डॉ० आशुतोष व्यास ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए मैं बस इतना कहना चाहूँगा, कि लोक का तंत्र दो आधारों पर टिका है, एक संवाद और दूसरा स्वप्रतिबिंबन; स्वयं को लगातार जानना और अन्यों से लगातार संवाद में रहना। हमें लोकतंत्र के होने, और उसे जीवंत रखने के लिए प्रयास करते रहना होगा। 


किशोर न्यायालय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र ने कहा कि आज मानव मानव को धकेलकर सेवा करने की बात करते हैं। ऐसा में लोकतंत्र विश्व के लिए और लोकतांत्रिक दृष्टि व्यक्ति के लिये पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो जाती है। बधाई देने वालों में बीएचयू छात्र डॉ० राजन, डब्ल्यूएनडी सदस्य डॉ० तेजराम पाल, आतिका महजबीं, डब्ल्यूएनडी सचिव और सहोदय संस्थापक अनिल कुमार, रेखा कुमारी, आईआईटी कानपूर, से रिसर्चर गणेश भरते, आग़ोशश ट्रस्ट के फ़ाउंडर फ़वाद ग़ज़ाली एवं विश्व लोकतंत्र पार्टी के महासचिव धर्मेन्द्र शर्मा आदि थे।

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