इक्कीस सुत्रीय मांगों को लेकर शिक्षको ने दिया धरना

इक्कीस सुत्रीय मांगों को लेकर शिक्षको ने दिया धरना

इक्कीस सुत्रीय मांगों को लेकर शिक्षको ने दिया धरना


स्वतंत्र प्रभात 

बाँसगांव - गोरखपुर । उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 दिनेश चन्द्र शर्मा के आह्वान पर प्रदेश के समस्त बीआरसी केन्द्रों पर प्राथमिक शिक्षक, शिक्षा मित्र, अनुदेशक, रसोइया, आंगनबाड़ी कार्यकत्री सहायिका, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों के शिक्षकों ने एक दिवसीय धरना देकर अपनी 21 सूत्रीय मांग शासन को भेजा।

     ब्लाक संसाधन केन्द्र बांसगांव के प्रांगण में चल रहे धरने का नेतृत्व करते हुए जिला संयुक्त मंत्री व ब्लाक मंत्री युगेश कुमार शुक्ल ने कहा कि वर्तमान सरकार अपनी नित नयी बेढंगी फरमानों से शिक्षकों को पंगु बनाने का कुत्सित प्रयास कर रही है। शिक्षण कार्य के लिए तैनात शिक्षक को विद्यालय में शैक्षिक माहौल न देकर अन्यान्य कार्य कराकर मानसिक दोहन के साथ शिक्षा व्यवस्था को बेपटरी करने का षडयंत्र रच रही है। युगेश ने शिक्षकों को सचेत करते हुये कहा कि इस संक्रांति काल में यदि शिक्षक मौन रह गया तो वह दिन दूर नहीं जब प्राथमिक शिक्षा जैसी बुनियादी जरूरत भी व्यापारियों के हाथ में गिरवी हो जायेगी। हमें जागरूक रहकर अपने हक हकूक की लड़ाई लड़नी होगी।

               धरने को सम्बोधित करते हुए जिला प्रचार मंत्री संग्राम सिंह ने कहा कि शासन में बैठे लोग मेजे थपथपाकर दो से तीन पुरानी पेंशन लेते हैं पर हम जैसे कर्मचारी जो बासठ वर्ष तक सेवा देते हैं को पुरानी पेंशन देने से मना कर देते हैं। इस दोहरी नीति  को अब बर्दास्त नहीं किया जा सकता।

        वक्ताओं ने एक स्वर से प्रदेश नेतृत्व द्वारा तय 21 सूत्रीय मांग का ज्ञापन शासन को भेजा। धरने को प्रमुख रूप से जिला संयुक्त मंत्री व ब्लाक मंत्री बांसगांव युगेश कुमार शुक्ल, जिला प्रचार मंत्री, संग्राम‌सिंह, राजीव नारायण सिंह, अमरेन्द्र प्रताप शाही, आशुतोष शुक्ल, संदीप त्रिपाठी, हरेन्द्र सिंह, कृष्णानन्द सिंह, विजय शंकर मिश्रा, विजय प्रताप सिंह, श्री प्रकाश, भानू प्रताप सिंह, राम सूरत यादव, लाल साहब सिंह, बजरंगी सिंह, देवेश सिंह, रामललित, सौरभ त्रिपाठी ने सम्बोधित किया।

         धरने में अखिलेश त्रिपाठी, पुनीत वर्मा, धर्म प्रकाश पासवान, अतुल प्रताप सिंह, सर्वेश त्रिपाठी, नवीन त्रिपाठी, पूजा पाण्डेय, अर्शी आजमी, रंजीता सिंह, शालू सहित सैकड़ो अध्यापक व अध्यापिका उपस्थित रहे।

        21 सूत्रीय प्रमुख मांगे

1- पुरानी पेंशन बहाल हो, 2- कैश लेस चिकित्सा,एसीपी उपार्जित अवकाश एवं द्वितीय शनिवार अवकाश, 3- छात्रों को बैठने हेतु फर्नीचर , बिजली,पंखे,पीने का शुद्ध पानी एवं विद्यालय की चाहर दीवारी, 4- प्रत्येक कक्षा पर अध्यापक , प्रत्येक विद्यालय में   प्रधानाध्यापक, लिपिक, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी एवं चौकीदार, 5- आकांक्षी जनपद सहित शिक्षकों के अन्तःजनपदीय एवं अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण, 6- संविलियन निरस्त करो

, शिक्षकों को पदोन्नति, 7- ऑनलाईन कार्य के नाम पर शिक्षकों का शोषण बन्द हो, 8-  17140 व 18150 की विसंगति दूर करो,  सभी शिक्षकों को प्रोन्नत वेतनमान , 9- सेवानिवृत्त शिक्षकों / पेंशनर्स की समस्याओं का निराकरण, 10-  सभी शिक्षा मित्र, अनुदेशक, विशेष शिक्षक एवं कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालयों के शिक्षकों को स्थाई शिक्षक बनाया जाय, 11- सभी रसोईयों को स्थाई करो एवं प्रतिमाह रुपये 10,000 मानदेय , 12 ऑगनवाड़ी सहायिका को 10,000 एवं आँगनवाड़ी कार्यकत्री को ₹ 15,000 / -प्रति माह मानदेय, 13- परिवार नियोजन प्रोत्साहन भत्ता ,

नगर प्रतिकर भत्ता बहाल करो एवं महंगाई भत्ते का एरियर भुगतान, 14-  सामूहिक बीमा की धनराशि रुपये दस लाख, 15- वार्षिक प्रविष्टि का शासनादेश वापस , 16- उ 0 प्र0 शिक्षा सेवा अधिकरण विधेयक 2021 वापस, 17- मृतक शिक्षकों के परिवारों को ग्रेच्युटी का भुगतान, 18- मृतक शिक्षकों के आश्रितों को टी 0 ई0 टी 0 से मुक्ति, 19- मृतक शिक्षकों के आश्रितों को लिपिक के अधिसंख्य पदों पर नियुक्ति , 20- कोरोना महामारी एवं पंचायत निर्वाचन के दौरान मृत शिक्षक, शिक्षा मित्र एवं अनुदेशकों के परिवारों को 01 करोड़ रुपये का मुआवजा 21- मृतक शिक्षा मित्र,अनुदेशक एवं विशेष शिक्षक के आश्रित को नौकरी,

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