राम वन गमन पर भावुक हुए दर्शक

1971 में स्वर्गीय सरजूधर द्विवेदी ने आदर्श रामलीला समिति माल्हनपार से की थी रामलीला की शुरुआत


 स्वतंत्र प्रभात 
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एन अंसारी 

बांसगांव - गोरखपुर । आदर्श रामलीला समिति माल्हन पार के तत्वाधान में ठाकुरद्वारा पर हो रही रामलीला के सातवें दिन राम के राज्याभिषेक पर खुशी, कैकई मंथरा वार्तालाप, कैकई दशरथ संवाद और राम गमन के प्रसंग का स्थानीय कलाकारों द्वारा मंचन किया गया।

 जिसमें राम वन गमन पर दर्शक भावुक हो गए। प्रारंभ में विधायक खजनी संत प्रसाद तथा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष चंचला शुक्ला, महिला मंडल अध्यक्ष पूनम गुप्ता तथा बसपा प्रत्याशी बुद्धीसागर द्वारा फीता काटकर भगवान राम की आरती और माल्यार्पण किया गया।

मुख्य अतिथि विधायक संत प्रसाद ने कहा कि आज के दौर में मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आचरण को धारण करने की अत्यंत आवश्यकता है। भगवान राम हमारे आदर्श हैं व्यक्ति को त्याग, समर्पण, सत्य निष्ठा, और जीवन जीने की कला राम कथा सिखलाती। 


मंचन की शुरुआत गुरु विश्वामित्र से राजा दशरथ अपनी अवस्था को लेकर चिंता और राम के राज्याभिषेक की तैयारी उसके बाद कैकई और मंथरा का वार्तालाप तथा  दशरथ ने कैकेई को युद्ध काल में दिए गए वचन का मंचन किया ।अंत में जब भगवान राम लक्ष्मण और सीता सहित वन के लिए जाने लगे तो दर्शक भावुक व  भाव विभोर हो गए और उनके आंखों से अश्रु निकल पड़े तत्पश्चात रामलीला को विराम दिया जाता है। रामलीला का संचालन उमेशधर द्विवेदी ने किया। 

      इस अवसर पर आयोजक रेवतीरमणजायसवाल, जिला पंचायत सदस्य अमन प्रताप चंद, टीएन शुक्ला , गिरिराज दुबे, रंजीत श्रीवास्तव, रामरतन चौरसिया, पंचम जायसवाल, हरकेश राम त्रिपाठी, विनोद पांडे, बिट्टू जायसवाल, रामसूरत, आशुतोष मिश्रा, उपेंद्र तिवारी, सत्यानंद शुक्ला, मुन्ना सिंह, रणजीत मौर्य सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

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