नौ साल के मासूम छात्र के हत्यारों को हुई फांसी की सजा

शाहजहांपुर जजी कचहरी में 3 दिन के अंदर 2 मामलों में चार लोगों को बोली गई फांसी की सजा


शाहजहांपुर/यूपी के शाहजहांपुर में 3 दिन के अंदर लगातार 2 मामलों में दो-दो मुलजिम को  फांसी की सजा सुनाए जाने से जजी कचहरी शाहजहांपुर में आरोपियों के बीच खौफ देखा जा रहा है वहीं शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने कहा है कि ऐसे मामलों में फांसी की सजा होने से लोग जुल्म करने से डरेंगे और अपराधों में कमी आएगी  2 दिन पूर्व 22 नवंबर को तीन बच्चियों को गोली से मार देने के मामले में दो गुनहगारों को फांसी की सजा सुनाई गई थी

 2 दिन के बाद 24 नवंबर को घटना के 6  वर्ष बाद ।साल 2015 में 9 साल के मासूम बच्चे की हत्या के मामले में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर 23 ने 2 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है।साथ ही एक लाख के जुर्माने से दंडित किया,है शाहजहांपुर में अपर सत्र न्यायाधीश मोहम्मद कमर  ने इस मामले में बुधवार को फांसी की सजा सुनाई दरअसल मामला कलान थाना क्षेत्र के निकुर्री गांव का है।यहां रहने वाले रामवीर का 9 साल का मासूम 28 -1-2015 को सुबह स्कूल जा रहा था

रास्ते मे घात लगाए बैठे मनोज और सुनील ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। जांच के दौरान पता चला कि दोनो  आरोपियो ने मामूली कहासुनी के चलते हत्या  को अंजाम दिया था अभियोजन साक्ष्यों के आधार पर दोनो  आरोपियों पर आरोप सिद्ध होने के आधार पर कोर्ट ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बीते दिनों पूर्व शाहजहांपुर कोर्ट संख्या 43 में निगोही थाना क्षेत्र के एक मामले में भी दो अभियुक्तों को फांसी की सजा से दंडित किया जा चुका है

 जबकि आज पुनः एक मामले में दो आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है जिससे जनपद में माननीय न्यायालय द्वारा सुनाए गए फैसले के प्रति आम जनमानस में क्रूरतम अपराध के प्रति होने वाले निर्णय नजीर बने हैं जानकारी के मुताबिक रामवीर पुत्र श्रीपाल ग्राम निकुर्री थाना कलान नें 28 जनवरी 2015 को थाने पर तहरीर दी थी

 जिसमें रामवीर ने बताया था कि वह अपने खेत पर अपने भाई के साथ गेहूं के खेत में दवा छिड़क रहा था इसी बीच उसका 9 वर्षीय पुत्र अनमोल बच्चों के साथ स्कूल पढ़ने जा रहा था तभी गोली की आवाज ही और उसने आरोपी मनोज पुत्र श्रीपाल तथा सुनील पुत्र ननकू को गोली मारकर भागते हुए

 देखा और उसके बच्चे की मौके पर ही मृत्यु हो गई थी जिसका उसने कलान थाना में मुकदमा दर्ज कराया था जो 6 वर्षों तक चला जिसमें 6 वर्ष बाद अभियुक्त सुनील एवं मनोज को मृत्युदंड फांसी की सजा सुनाई गई पीड़ित परिवार के मुताबिक उन्होंने इस मुकदमे में कोई अपना निजी वकील नहीं खड़ा किया था पूरे मुकदमे को शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने ही लड़ा और उसे न्याय दिलाया |

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