साहित्य युग यथार्थ का दस्तावेज डॉ सत्यप्रकाश त्रिपाठी

साहित्य युग यथार्थ का दस्तावेज डॉ सत्यप्रकाश त्रिपाठी

हिन्दी भाषा को पहचान का संकट नहीं, वैश्विक स्तर पर स्थापित डॉ.प्रवीन कुमार यादव


स्वतंत्र प्रभात

अम्बेडकर नगर।बाबा बरुआदास पीजी कॉलेज परुइय्या आश्रम अम्बेडकरनगर उप्र में हिन्दी विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में  हिन्दी पखवाड़ा के तहत हिन्दी दिवस के अवसर पर *काव्य पाठ एवं  ' हिन्दी भाषा एवं साहित्य :  वर्तमान संदर्भ और सामर्थ्य' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ सत्यप्रकाश त्रिपाठी , अध्यक्ष हिन्दी विभाग,बी.ए.के.बी.पी.जी. कालेज ने हिन्दी भाषा

और साहित्य के वर्तमान संदर्भ पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य अपने युग-यथार्थ का दस्तावेज है। विशिष्ट वक्ता डॉ. प्रवीन कुमार यादव, सहायक आचार्य हिन्दी, राजकीय महाविद्यालय आलापुर ने हिन्दी को वैश्विक परिदृश्य में समर्थ भाषा के रूप में स्थापित करते हुए साहित्य के विविध संदर्भों कर विस्तार से जानकारी दी। अतिथि वक्ता श्री दिनेश कुमार, सहायक आचार्य हिन्दी, आचार्य नरेन्द्रदेव किसान पी.जी.कालेज, गोंडा ने हाशिए के समाज और हिन्दी की सामर्थ्य पर बहुत ही सारगर्भित वक्तव्य दिया।

डॉ. के.के. मिश्र, कुलानुशासक ने हिन्दी भाषा की समावेशी प्रवृत्ति और उसके उत्थान में आने वाली बाधाओं का उल्लेख किया। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों एवं  मंचस्थ विद्वतजनों के द्वारा वाग्देवी सरस्वती, बाबा बरुआदास और पं. राधे मोहन द्विवेदी जी के चित्रों पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन तथा सौम्या और ऋचा द्विवेदी के सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत के साथ हुआ। आयोजन सचिव डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने अतिथियों एवं उपस्थित

प्राध्यापकों तथा छात्र- छात्राओं के प्रति स्वागत उद्बोधन किया। पहले सत्र में छात्र- छात्राओं ने काव्य पाठ में सुरुचिपूर्ण प्रतिभाग किया। गार्गी शुक्ला, खुशबू, हामिद अंसारी, मोहम्मद मेहंदी, नागेश्वर सोनी, सौम्या द्विवेदी, ऋचा द्विवेदी, आदर्श गुप्ता आदि ने कविता पाठ किया। तत्पश्चात संवाद सत्र में विशाल वर्मा, वैभव गुप्ता, बबली, आंचल, सुषमा, सुमित आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर

अतिथियों द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित करके उनका उत्साहवर्धन किया गया। श्री राकेश वर्मा, प्रवक्ता,ने हामिद अंसारी के गीत पर  दो सौ रुपए का पारितोषिक प्रदान करके हौसला बढ़ाया। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ. मोतीलाल वर्मा ने हिन्दी भाषा और साहित्य के संदर्भ में लगातार संगोष्ठी और कार्यशाला आयोजित करने का सुझाव देते हुए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।  इस अवसर पर डॉ रमेश कुमार, डॉ राजेश उपाध्याय,सैयद बाकर मेहंदी, डॉ कुलदीप सिंह,

डॉ चंद्रकेश, डॉ पवन कुमार दूबे, डॉ अखिलेश पांडेय,डॉ अमरनाथ, डॉ सुधीर कुमार पाण्डेय, डॉ अखिलेश यादव,डा राजिम राम, डॉ रणजीत सिंह, डॉ शंभूनाथ, इंटरकालेज के शिक्षक साथी एवं कर्मचारियों ने उपस्थित होकर छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।उपप्राचार्य डॉ.पवन कुमार गुप्त ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हिन्दी समर्थ है और यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता का सेतु है। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन डॉ. सत्येन्द्र कुमार यादव ने किया।

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