बिना लाइसेंस चल रहा है दवाइयों का गोरखधंधा, जिंदगियों से हो रहा खिलवाड़ ।
अन्य जगहों से लाई जा रही प्रतिबंधित दवाएं ।
गौरव पूरी (रिपोर्टर)
भदोही ।
जिले में दवा बिक्री के कारोबार में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हो रही हैं। कालीन नगरी के ग्रामीण अंचल में यह कारोबार सर्वाधिक फल फूल रहा है। पूरी तरह लाइसेन्सीकृत होने के बावजूद दवाओं को कालीन नगरी में कुछ जगहों पर जनरल स्टोर और किराना की दुकानों तक में खुले आम बेचा जा रहा है। एक लाइसेंस पर चार चार दुकानें और बिना फार्मासिस्ट के ही दवा विक्रय करने पर कोई रोक नहीं लग पा रही है।
इससे जनजीवन के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है। यह हालात खाद्य एवं औषधि प्रशासन महकमे की ढील पोल के कारण बने हैं। अनाधिकृत रूप से चल रहे मेडिकल स्टोर्स की बरसों से नियमित जांच नहीं की जा रही है, अगर कभी की जाती है तो वह शहरी क्षेत्रों तक सिमट कर रह जाती है। इन पर प्रतिबंधित दवाएं भी उपलब्ध हैं।
जिन दवाओं को डॉक्टर के पर्चे के बगैर नहीं बेचा जा सकता, वे दवाएं भी गांवों और कस्बों में बगैर लाइसेंस के संचालित मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध हो रही हैं। गैरलाइसेंसी दवा दुकानों के साथ- साथ बड़ी संख्या में लाइसेंसी दुकानदारों के पास भी दवा वितरण के लिए कोई फार्मासिस्ट नहीं है, जब कि दवाओं के रखरखाव व वितरण का काम सिर्फ फार्मासिस्ट ही कर सकता है।
कई प्रतिबंधित दवाएं इन अनाधिकृत कारोबारियों को जिले में उपलब्ध नहीं होती उन्हें यह अन्य निकटस्थ जिलों से लेकर आ रहे हैं। इसके बाद दस रुपए कीमत की दवा के पांच से दस गुना तक दाम वसूल रहे हैं। इनके सेवन से जब कोई विपरीत परिणाम निकलते हैं तब यह लोग कुछ दिन के लिए गांव ही नहीं क्षेत्र तक छोड़कर भाग जाते हैं।
लक्षणों के आधार पर इलाज हो
किसी पीडि़त का एलोपैथी इलाज विभिन्न पहलुओं पर गौर करते हुए किया जाता है केवल पीडि़त द्वारा बताए गए लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाना घातक साबित हो सकता है। इसलिए एलोपैथी दवाओं का इस्तेमाल किसी एक्सपर्ट द्वारा बताए अनुसार ही किया जाना चाहिए। नहीं तो कोमल अंगों पर एलोपैथी दवाओं का प्रभाव घातक साबित होता है।
नहीं डोज की जानकारी
दवाओं के अनाधिकृत कारोबारियों को एलोपैथी दवाओं के डोज की किसी भी जानकारी नहीं है, लेकिन यह किसी मेडिकल प्रेक्टिशनर की भांति मनमर्जी से डोज बताते हुए लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं। इससे लोगों को इन दवाओं के मनमाने डोज से तात्कालिक लाभ तो मिल रहा है पर साइड इफैक्ट के घेरे में आ रहे हैं। जिससे किडनी एवं लीवर खराब होने तक की बीमारियां पनप रही हैं।
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