गोरखपुर को यूं ही नहीं मिला मेट्रोपोलिटन सिटी का दर्जा
रिंग रोड के चारो ओर हो चुकी है नया गोरखपुर बसाने की तैयारी
गोरखपुर। गोरखपुर अब महानगर (मेट्रोपोलिटन शहर) बन चुका है। प्रदेश सरकार ने शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। गोरखपुर को महानगर बनाने की कवायद काफी पहले से शुरू हो गई थी। इसकी नींव गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सीमा विस्तार के साथ ही पड़ गई थी। जीडीए के सीमा विस्तार में जिन गांवों को शामिल किया गया है, उन्हें महानगर क्षेत्र में भी शामिल कर लिया गया है। महानगर क्षेत्र घोषित होने के बाद यहां लाइट मेट्रो के संचलन का रास्ता साफ हो सकेगा। गोरखपुर महानगर अब चौरी चौरा, पिपराइच एवं पीपीगंज तक हो गया है। गीडा क्षेत्र में शामिल सहजनवा भी शहर का ही हिस्सा होगा।
जीडीए के विस्तारित क्षेत्र को गोरखपुर महानगर में किया गया शामिल
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से ही गोरखपुर का विकास तेजी से हो रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद जब उन्होंने जीडीए सभागार में पहली बैठक की थी, उसी समय महानगर क्षेत्र की रूपरेखा के बारे में चर्चा हुई थी। उसके बाद चरणबद्ध तरीके से काम शुरू हो गया। योजना पर काम करते हुए चारो ओर सड़कों का जाल पहले ही बिछ चुका है। शहर के चारो ओर रिंग रोड का अंतिम चरण का काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। रिंग रोड की कार्ययोजना बनने के साथ ही इसके आस-पास आने वाले गांवों के विकास की रूपरेखा भी तैयार कर ली गई।
जीडीए की सीमा में आए चार सौ से अधिक नए गांव
जीडीए की सीमा में पहले जहां महानगर के अलावा 100 गांव से भी कम शामिल थे, वहीं सीमा विस्तार के बाद 319 गांव जीडीए का हिस्सा हैं। चरगांवा, खोराबार, पिपराईच, सरदार नगर, पिपरौली, जंगल कौड़िया व भटहट व कैंपियरगंज ब्लाकों के 250 से अधिक गांव सीमा विस्तार के दौरान शामिल किए गए हैं। कैंपियरगंज के कुछ गांव ही जीडीए की सीमा में आए हैं। इसके साथ ही नगर निगम का पूरा क्षेत्र, पिपराइच, पीपीगंज एवं मुंडेरा बाजार (चौरी चौरा) नगर पंचायत भी जीडीए की सीमा में है। इन क्षेत्रों की महायोजना भी जल्द ही प्रकाशित हो जाएगी, जिसके बाद विकास को गति मिल सकेगी। जीडीए ने नया गोरखपुर बसाने की कवायद पहले ही शुरू कर दी गई है।
रिंग रोड के चारो ओर होगा तेजी से विकास
कालेसर से जंगल कौड़िया, जंगल कौड़िया से जगदीशपुर, जगदीशपुर से कालेसर रिंग रोड का दो तिहाई हिस्सा तैयार हो चुका है। अंतिम हिस्से को भी मंजूरी मिल चुकी है। इसी रिंग रोड के दोनों ओर शहर का विस्तार तेजी से किया जाना है। महायोजना 2031 में सड़क के दोनों ओर मिश्रित भू उपयोग निर्धारित किया जा रहा है, जिससे विकास में बाधा उत्पन्न न हो।
शहर में होंगे चार पांच सितारा होटल
गोरखपुर से सड़क, रेल एवं वायु मार्ग से बेहतर कनेक्टिविटी हो चुकी है। कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ यहां तेजी से विकास भी हो रहा है। मोहद्दीपुर में एक पांच सितारा होटल संचालित है। जल्द ही तारामंडल क्षेत्र में एक और होटल खुल जाएगा। दो बड़े होटल की आधारशिला भी अगले कुछ महीनों में रखी जा सकती है। खान-पान के क्षेत्र के बड़े ब्रांड भी गोरखपुर आने लगे हैं। कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने से औद्योगिक विकास भी तेजी से हो रहा है।
तैनात होंगे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट
गोरखपुर को महानगर क्षेत्र घोषित करने से अधिवक्ताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है। बदली व्यवस्था में यहां मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तैनात होंगे। उच्च न्यायालय के परामर्श से राज्य सरकार की ओर से मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के न्यायालय की स्थापना करेगी।
इन न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी। इनके अधिकार क्षेत्र में पूरा महानगर क्षेत्र होगा। उच्च न्यायालय अपनी अधिकारिता के भीतर महानगर क्षेत्र में एक महानगर मजिस्ट्रेट को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ( चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट) नियुक्त करेगा। एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जिला एवं सत्र न्यायाधीश के नियंत्रण में होते हुए मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के अधीनस्थ होता है। वर्तमान में संचालित मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) के न्यायालय की शक्तियां एवं महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय को प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट के न्यायालय की शक्तियां प्राप्त होती हैं।
गोरखपुर को महानगर क्षेत्र घोषित किया गया है। इससे काफी बदलाव आएगा। जीडीए अपने विस्तारित क्षेत्र के विकास को लेकर पहले से ही कार्ययोजना तैयार कर रहा है। अब इसमें और तेजी आ सकेगी।
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