सरकारी जमीन पर बाबू कबाडी ने किसके सह पर किया अवैध कब्जा अहम सवाल
ना नक्शा और ना ही 143 पास, तालाब की भूमि को पाट कर किया जा रहा पक्का निर्माण कार्य
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ग्राम प्रधान सैधरी और चेत्रीय लेखपाल की मिली भगत तथा भारी भरकम चढ़ावा चढ़ावा कर बाबू कबाड़ी को कराया गया लगभग 20 लाख रुपए से ज्यादा की कीमत की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा
कुंभकणीं नींद में सो रहा तहसील प्रशासन भू माफिया तालाबों का अस्तित्व मिटने पर आमादा
लखीमपुर खीरी मामला तहसील लखीमपुर की ग्राम पंचायत सैधरी का है ।जहां पर पलिया बस अड्डा के थोड़ा आगे भीरा- पलिया मार्ग पर राहुल ट्रेवल्स एजेंसी के ठीक सामने स्थित तालाब की ग्राम समाज की बेसकीमती सरकारी जमीन पर कथित भूमफिया बाबू कबाड़ी द्वारा अवैध कब्जा करके उस पर दुकान व मकान का पक्का अवैध निर्माण करा लिया गया। सूत्र बताते हैं की तहसील प्रशासन व जिला अधिकारी खीरी के नाक के नीचे तालाब के आशिक भाग को पाट कर उस पर दुकान और मकान का निर्माण कराया जाता रहा और तहसील प्रशासन मूकदर्शक बना सब कुछ देखता रहा।
लोग बताते हैं कि क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा बाबू कबाड़ी से मोटी रकम इसके एवज में वसूल की है। और ग्राम प्रधान का तो कहना ही क्या? शायद ग्राम प्रधान और लेखपाल सहित तहसील प्रशासन के जिम्मेदारों पर सीएम योगी आदित्यनाथ व सर्वोच्च न्यायालय तथा एंटी भू माफिया का असर ही ना पड़ता हो। अल्प समय में अकूत धन हासिल करने की हसरत में क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा कथित भूमाफियाओं को मिल रहे अपर संरक्षण के चलते अधिकांश तालाबों को पाट कर भूमाफिया और प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा अवैध कब्जे किए जाने का खेल बदस्तूर जारी है।
जिम्मेदारों की इस लापरवाह एवं खाऊ कमाऊ नीति के चलते शहर में सरकारी जमीनों व तालाबों तथा श्मशान आदि का नामोनिशान मिटता जा रहा है।शहर के अधिकांश तालाबों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है ।और इन पर भू माफिया की प्लाटिंग व बड़ी-बड़ी इमारतें बनी देखी जा सकती हैं। मामले की लिखित शिकायत मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार से करके अवैध कब्ज़ा हटाए जाने की मांग की गई है। तथा सरकारी जमीन पर कराए गए अवैध पक्के निर्माण को ध्यस्त कराकर सरकारी जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराए जाने की मांग की है देखना अब यह है की तहसील प्रशासन इस अवैध कब्जे को हटवाने में कहां तक कामयाब होता है या फिर मामले की लीपापोती करके फाइल को बंद कर दिया जाएगा।
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