शारदा सहायक सिंचाई विभाग शारदा नगर में व्यापक भ्रष्टाचार
शारदा बैराज के क्लोजर गेट में महज ग्रीसिग करा मरम्मत व बेरिंग बदल वाया जाना दिखा लाखों गोलमाल
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सिल्ट सफाई कार्य में भी भारी घालमेल कई जगह महज कगजों पर सिल्ट सफाई कार्य दिखा खेला गया खेल
स्वतंत्र प्रभात
लखीमपुर खीरी- सिंचाई विभाग शारदा सहायक नहर सिंचाई विभाग शारदा नगर में फैला भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां पर विभागीय जिम्मेदारों और कर्मचारी तथा कुछ रसूखदार बाद दबंग ठेकेदारों की मिलीभगत से विभागीय सरकारी धनराशि का जमकर बंदरबांट किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। यहां पर कई कार्य महज कागजों पर कराकर लाखों का वारा न्यारा किया जाना चर्चा का विषय बना है।
नाम गोपनीय रखने की शर्त पर विभागीय जानकार लोगों ने बताया कि अधिकारी लाखों रुपए खर्च कर आखिर अपनी तैनाती क्यों कराता है। इसका अंदाजा आप आसानी से लगा सकते हैं यहां पर खाली हाथ आने वाला अधिकारी भी कुछ दिनों में ही लाल हो जाता है। लखीमपुर खीरी अधिकारी गणों के लिए सबसे अच्छा कमाई की जगह यानी अधिकारियों के लिए कामधेनु होना साबित हो रहा है। बताते चलें शारदा बैराज पर बने क्लोजर गेट की प्रतिवर्ष रिपेयरिंग कराए जाने का प्रावधान है इसके लिए लाखों रुपए का बजट भी आवंटित होता है पर हकीकत के धरातल पर इस धन का किस तरह कागजी कोरम पूरा कर बंदरबांट किया जाता है।
देखने वाली बात है आइए हम आपको कुछ बानगी पेश करते हैं शारदा नगर स्थित शारदा बैराज पर बने क्लोजर गेट का वर्ष 2022 में ग्रेसिंग कराई गई और मरम्मत के नाम पर लाखों पर अंदर कर लिए जाने के आरोप लगाए गए विभागीय जिम्मेदारों पर एक अन्य विभागीय कर्मी ने बताया इस क्लोजर गेट में दिल्ली की बनी बेरिंग दिल्ली जाने का पैसा आता है। लेकिन धन लोलुपत के चलते कानपुर की कथित लोकल बेरिंग डाल लिया जाता है सूत्रों की मानें तो यही ललित वर्मा के समय में काम हुआ था इतना ही नहीं यहां पर करोड़ों रुपए की लागत से बना कंप्यूटर के बिना 3 साल बाद भी विभाग को हैंडोवर नहीं हुआ यहां केबिन कंपनी द्वारा दो कर्मी रमेश चौहान नरेंद्र द्वारा संचालन कराया जा रहा है।
भ्रष्टाचार के इस कड़ी में कोठी से बंदा तक सड़क निर्माण कराए जाने का टेंडर हुआ और सड़क का निर्माण राजकीय इंटर कॉलेज तक ही कराया गया लगभग 400 मीटर सड़क बनाई ही नहीं गई छोड़ दी गई जो निर्माण कार्य कराया भी गया हो वह भी मानव विपरीत निम्न गुणवत्ता का कराकर बंदरबांट किए जाने की चर्चाओं का बाजार गर्म है यहां तो विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की एक बानगी भर है।
यदि मामले की कराई जाए जाँच तो भारी घोटाला खुलकर सामने आएगा कई अधिकारी कर्मचारी आएंगे जांच के घेरे में उपरोक्त विभाग में हुए गड़बड़ झाले की जानकारी एक जागरूक नागरिक द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम के तहत चाहि है जिसके बाद घोटाले की परत दर परत खोलना होगा तय।
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