स्वतंत्र विचार
संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

महाकुंभ की महफिल लूट ले गया एक आइआइटीयन मलंग बाबा ! 

महाकुंभ की महफिल लूट ले गया एक आइआइटीयन मलंग बाबा !  वह एक उच्च शिक्षित मलंग है उनका दुनिया को देखने और समझने का अपना अलग नजरिया है वह परिव्राजक है ऐसा परिव्राजक जैसा कभी युवावस्था में नरेंद्र थे जो बाद में रामकृष्ण के शिष्य बनकर स्वामी विवेकानंद के नाम से...
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सॉफ्ट पोर्न और अश्लीलता की आयी बाढ़ में डूब रहा समाज

सॉफ्ट पोर्न और अश्लीलता की आयी बाढ़ में डूब रहा समाज मोबाइल पर उपलब्ध तमाम सोशल साइट्स हों या ओटीटी प्लेटफार्म्स..इन सब पर इस समय अलग अलग तरीके से अश्लीलता और सॉफ्ट पोर्न कंटेंट की बाढ़ सी आ गयी है..चारों तरफ फैल रही इस अश्लीलता का विरोध यूं तो आपसी बातचीत...
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देश में प्रतिबंधित क्यों नहीं हो रही जानलेवा 'चाईना डोर' 

देश में प्रतिबंधित क्यों नहीं हो रही जानलेवा 'चाईना डोर'    विश्व के सबसे बड़े बाज़ार के रूप में अपनी पहचान रखने वाले भारत में चीन जैसे पड़ोसी देश के अनगिनत उत्पाद पटे पड़े हैं। शायद ही कोई क्षेत्र ऐसा हो जिससे संबंधित सामग्री चीन निर्मित न कर रहा हो सजावट,मशीनरी,कांच,पत्थर,प्लास्...
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कुम्भ में डुबकी लगाती सरकार और जनता के मुद्दे

कुम्भ में डुबकी लगाती सरकार और जनता के मुद्दे शायद मै ही पापी हूँ जो 144  साल बाद आये महत्वपूर्ण नक्षत्रों और तिथियों वाले महाकुम्भ में डुबकी लगाने नहीं जा रहा,अन्यथा उत्तर प्रदेश की सरकार और देश के तमाम ज्वलंत मुद्दे महाकुम्भ में डुबकी लगाकर तरते दिखाई दे रहे...
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मिशन के नाम पे कमिशन खाते नेता और सरकार 

मिशन के नाम पे कमिशन खाते नेता और सरकार  क्या हे ये मिशन?जब भी कोई चीज देश में या कोईभी जगह पर चुनौती पूर्ण लगे तो उस जगह पर एक खास प्रकार का आयोजन करके उसे एक रूप दिया जाता है। और वह काम जिस तरह का हो...
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स्वर्णिम भारत का प्रतिबिम्ब है अक्षुण्ण विरासत

स्वर्णिम भारत का प्रतिबिम्ब है अक्षुण्ण विरासत भारत में वर्ष 2025 में 76 वाँ गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। संविधान लागू हुए 75 वर्ष पूरे हो गए। गणतंत्र दिवस 2025 की थीम/प्रसंग है- "स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास"। गणतंत्र...
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स्क्रीन पर टिकती नजरें, पीछे छुपा खतरा: बच्चों का भविष्य कैसा?

स्क्रीन पर टिकती नजरें, पीछे छुपा खतरा: बच्चों का भविष्य कैसा? आज के दौर में डिजिटल शिक्षा ने ज्ञान की पहुंच को सरल, व्यापक और तेज़ बना दिया है। तकनीकी प्रगति ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व क्रांति ला दी है, जिससे दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन शिक्षण का मार्ग...
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विद्यार्थियों का आत्महत्या करना शैक्षणिक संस्थाओं, समाज,और राष्ट्र के लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए 

विद्यार्थियों का आत्महत्या करना शैक्षणिक संस्थाओं, समाज,और राष्ट्र के लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए  भारत में विद्यार्थियों का आत्महत्या करना रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।यह विषय शिक्षण संस्थाओं के लिए, परिवार के लिए, समाज के लिए तथा राष्ट्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है। अभी 2025 को आरंभ हुए एक माह...
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क्या अमेरिका के  ' मोदी ' साबित होंगे ट्रम्प ?

क्या अमेरिका के  ' मोदी ' साबित होंगे ट्रम्प ? माननीय, सम्माननीय डोनाल्ड ट्रम्प अब अमेरिका के नए राष्ट्रपति है।  ट्रम्प महोदय के शपथ  ग्रहण के बाद ये अटकलें लगना शुरू हो गयीं हैं  कि  वे आज नहीं तो कल अमेरिका के मोदी साबित होंगे,क्योंकि ट्रम्प और भारत के प्रधानमंत्री...
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वायदों का बाजार है चुनाव

वायदों का बाजार है चुनाव                                      (नीरज शर्मा'भरथल')    लगता है की पूरा देश ही वायदों पर चल रहा है। हर चुनाव से पहले लोक लुभाने वायदे किए जाते हैं। एक पार्टी कुछ वायदा करती है दूसरी पार्टी उस से भी बड़ा वायदा कर देती, तीसरी पार्टी...
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इंदिरा गांधी जो दूर दृष्टि पक्का इरादा और कठोर निर्णय लेने वाली राजनेत्री थी।

इंदिरा गांधी जो दूर दृष्टि पक्का इरादा और कठोर निर्णय लेने वाली राजनेत्री थी। स्वतंत्र प्रभात। दया शंकर त्रिपाठी।    यदि देश की सेवा करते हुए मेरी मृत्यु भी हो जाये तो मुझे इसका गर्व होगा, मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे खून का एक-एक कतरा राष्ट्र के विकास में योगदान और इसे सुदृढ़ और...
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शिक्षा का प्रसार : दावे और हक़ीक़त

शिक्षा का प्रसार : दावे और हक़ीक़त पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में  यू पी ए के शासन के समय देश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 क़ानून बनाया गया था जिसके तहत, 6 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को मुफ़्त और अनिवार्य...
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