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सभ्यता की यात्रा: पाषाण युग से पाषाणहृदय तक

सभ्यता की यात्रा: पाषाण युग से पाषाणहृदय तक मनुष्य की असभ्यता से सभ्यता की ओर की यात्रा एक अनंत कथा है, जो न कभी पूर्ण होती है, न कभी अपने अंतिम पड़ाव पर ठहरती है। यह एक ऐसी गाथा है, जो समय के साथ अपने रंग बदलती है,...
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'गजवा -ए- हिन्द' बनाम 'सौगात -ए - मोदी '

'गजवा -ए- हिन्द' बनाम 'सौगात -ए - मोदी ' आज मै खुले दिल से भाजपा के दुस्साहस को सलाम करता हूँ ।  आप कहेंगे कि सलाम क्यों,प्रणाम क्यों नहीं ? तो भाई केवल भाषा का फर्क है, भाव का नहीं। भाजपा एक तरफ हाल के अनेक चुनावों में देश...
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 रेल विकास : एक पहलू यह भी

 रेल विकास : एक पहलू यह भी भारतीय रेल विकास के नित्य नये अध्याय लिख रहा है। अनेक तीव्रगामी ट्रेन संचालित की जा रही हैं। मुंबई-अहमदाबाद के मध्य तो हाई स्पीड रेल/ बुलेट ट्रेन चलने की योजना है। दिसंबर 2023 तक बुलेट ट्रेन संचालन की तैयारी को...
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कड़वे और मीठे बोलों का खेल

कड़वे और मीठे बोलों का खेल शब्दों की महिमा को अपरंपार और अक्षर को नश्वर बताया गया है ।वैसे तो लेखनी की तीव्रता तलवार से ज्यादा नुकीली और भाले से ज्यादा चुभने वाली होती है। तलवार की धार से मनुष्य एक बार बच भी सकता है...
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विनोद कुमार शुक्ल और ज्ञानपीठ पुरस्कार

विनोद कुमार शुक्ल और ज्ञानपीठ पुरस्कार मुझे आत्मीय ख़ुशी जब-तब ही होती है।पिछले वर्षों में  मुझे   ख़ुशी का अहसास बहुत कम हुआ है लेकिन पिछले दिनों जब कविवर श्री विनोद कुमार शुक्ल को ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा की गयी तब मुझे अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव...
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 जब संसद पहुंचे अमर शहीद 

 जब संसद पहुंचे अमर शहीद  'शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पे मिटने वालों का यही बाकि निशा होगा'। बेशक हम अमर शहीदों की चिताओं पे मेले तो खूब लगाते रहे परन्तु लज्जित करने का विषय है कि हम उन जांबाजो को...
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समाज में गौरव का प्रतीक बनते दहेजशून्य विवाह

समाज में गौरव का प्रतीक बनते दहेजशून्य विवाह विवाह, भारतीय संस्कृति में केवल दो व्यक्तियों का मिलन नहीं, बल्कि दो परिवारों का एक पवित्र संगम माना जाता है। यह एक ऐसा संस्कार है, जो न केवल दो हृदयों को जोड़ता है, अपितु दो परिवारों की परंपराओं, मूल्यों और...
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रूपयों का पहाड़ घर में छिपाकर रखने वाले जज साहब 

रूपयों का पहाड़ घर में छिपाकर रखने वाले जज साहब  दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर लगी आग के बाद भारी मात्रा में नकदी बरामद होने से न्यायपालिका में हड़कंप मच गया। यह मामला इतना गंभीर हो गया कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना...
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 एक विदूषक से घबड़ाती राजसत्ता

 एक विदूषक से घबड़ाती राजसत्ता क्या जमाना आ गया है कि राजसत्ता एक अदने से विदूषक से घबड़ाने लगी है। मुंबई में कुणाल कामरा नाम के एक विदूषक की पैरोडी के बाद एक वर्णसंकर  सियासी दल के कार्यकर्ताओं ने कुणाल के दफ्तर में जिस तरह...
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हमारी सोच से आगे महिलाएं, वैचारिकता बदलनें की दरकार। 

हमारी सोच से आगे महिलाएं, वैचारिकता बदलनें की दरकार।  निश्चित तौर पर भारत में महिलाओं की मुक्ति तथा सशक्तिकरण का प्रश्न स्वतंत्रता एवं भारत की मुक्ति के साथ अनिवार्य रूप से जुड़ गया हैlनिश्चित तौर पर हर रात की सुबह होती है, और सुबह चमकदार और उजाले से भरपूर...
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भगत सिंह की जेल नोटबुक की कहानी 

भगत सिंह की जेल नोटबुक की कहानी  भगत सिंह और उनके साथी सुखदेव और राजगुरु के शहादत दिवस इसी महीने में है। भगत सिंह की जेल डायरी के दिलचस्प इतिहास को समझने का प्रयास इस लेख में मैंने किया है। यह डायरी, जो आकार में एक...
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 बिहार : जहाँ  गंदगी व दुर्गन्ध कोई मुद्दा ही नहीं

 बिहार : जहाँ  गंदगी व दुर्गन्ध कोई मुद्दा ही नहीं अशोक, बुद्ध व गाँधी जैसे महापुरुषों की कर्मस्थली बिहार सौभाग्यवश मेरी भी पैतृक स्थान है।  इस नाते जन्म से ही अपने गांव में लगभग प्रत्येक वर्ष मेरा एक बार जाना ज़रूर होता है। आज भी यह राज्य देश को सबसे...
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