आय बढ़ाने का उत्तम स्रोत बकरी पालन - कुलपति कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज

स्वतंत्र प्रभात
मिल्कीपुर, अयोध्या।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय में “वैज्ञानिक पद्धति द्वारा आधुनिक बकरी प्रबंधन” विषय पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत हुई। पशु सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि बकरी पालन एक सस्ता एवं टिकाऊ व्यवसाय है जिसमें पशुपालक कम लागत के साथ अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बकरी पालन या किसी भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले उसका प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि वे पढ़ाई के साथ-साथ प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दें जिससे की अपने ज्ञान एवं विषय वस्तु को आसानी के साथ धरातल पर उतार सकें।
पीजीएसएस के सहायक निदेशक फादर मैथ्यूज ने बताया कि बकरियों को उनके भार का औसत चार प्रतिशत कुल शुष्क खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि आहार में हरा चारा, सूखा चारा एवं दाना लगभग 15, 65 एवं 20 प्रतिशत होना चाहिए। बकरियों के स्वास्थ्य के लिए हरे चारे का विशेष महत्व है। एक दुधारु बकरी दिन में तीन से चार किग्रा हरा चारा और सूखा चारा खा सकतीं हैं। निदेशक प्रसार प्रो. ए.पी राव ने कहा कि पशुपालक बकरी पालन में वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग कर अधिक से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। इस दौरान उन्होंने बकरी पालन से रखरखाव,आहार व समुचित प्रबंधन के बारे में विभिन्न जानकारियां दीं। अयोध्या मंडल के सीईओ डॉ जगदीश प्रसाद ने भी आधुनिक बकरी प्रबंधन पर विभिन्न प्रकार की जानकारियां दी।
कार्यक्रम का आयोजन डा. विभा यादव की देखरेख में किया गया एवं संचालन डॉक्टर सत्यव्रत सिंह ने किया। इस मौके पर पशुपालन महाविद्यालय के अधिष्ठाता सहित समस्त शिक्षक, वैज्ञानिक, कर्मचारी व छात्र-छात्राएं मौके पर मौजूद रहे।
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