झूठी दबिश और झूठी हिरासत, मेरठ पुलिस के अतरंगी कारनामे

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस का एक ऐसा कारनामा सामने आया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। जहां एक युवक को फंसाने के लिए पुलिस ने पहले खुद उसकी बाइक में तमंचा छुपाया और फिर उसे हिरासत में लेने पहुंच गई, लेकिन ये पूरी घटना वहां लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसके बाद पीड़ित परिवार ने आईजी दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया। अब इस मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मेरठ पुलिस के कारनामे को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर तंज किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि पहले ख़ुद ही रखकर फिर करते हैं बरामद, झूठी है इनकी दबिश और झूठी है हिरासत।''
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला खरखौदा थाना इलाके के खंदरावली गांव का है। जहां के निवासी अशोक त्यागी के परिवार का जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। पुलिस पर आरोप है कि उन्हें दूसरे पक्ष के साथ सांठगांठ कर ली और जबरदस्ती अशोक के बेटे अंकित को फंसाने की कोशिश की। जिसके बाद पुलिस उनके घर पर पहुंची और कहा कि अंकित की बाइक में तमंचा होने की सूचना मिली है और उसकी तलाशी लेनी है। तलाशी के बाद पुलिस को बाइक में तमंचा मिला और उन्होंने युवक को हिरासत में ले लिया। लेकिन इस पूरे मामले में उस समय ट्विस्ट आ गया जब पुलिसवाले खुद ही उसकी बाइक में तमंचा रखते हुए सीसीटीवी में कैद हो गए।
आपको बता दें कि अब मेरठ जिले के खरखौदा क्षेत्र में एक बाइक में खुद ही तमंचा रखकर उसकी बरामदगी दिखाते हुए एक युवक को गिरफ्तार करने के आरोपी दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर जांच शुरु कर दी गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। युवक को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। उसके परिवार वालों का आरोप है कि खरखौदा थाने में तैनात सिपाही संतोष कुमार और दिनेश पिछले मंगलवार की रात खंदावली गांव में उनके आवास पर तलाशी लेने के लिए पहुंचे और दावा किया कि उन्हें घर में अवैध हथियार रखे होने की सूचना मिली है।
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