कालीदह पोखर के बाद पुलिस चौकी की नाक के नीचे नगर निगम के नलकूप विभाग की जमीन पर भूःमाफिया कर रहे अवैध कब्जे

बेशकीमती जमीन पर धड़ाधड़ अवैध कब्जे,प्रशासन मौन क्यों?

कालीदह पोखर के बाद पुलिस चौकी की नाक के नीचे नगर निगम के नलकूप विभाग की जमीन पर भूःमाफिया कर रहे अवैध कब्जे

अलीगढ़,। जिले में थाना सासनीगेट क्षेत्र के पला साहिबाबाद और महेन्द्र नगर में पुलिस चौकी की नाक के नीचे कालीदह पोखर हो या नगर निगम के नलकूप विभाग की जमीन भू माफियाओं ने सरकारी खाली पड़ी जमीनों पर न सिर्फ खूब कब्जे कर स्कूल कालेज व प्लाट बनाए बल्कि कई जगह कब्जे करने के बाद उसे मोटी रकम कमाकर बेच डाली। अधिकारियों व माफियाओं के गठजोड़ से कभी न तो बड़े पैमाने पर इसकी जांच की गई न ही कहीं कार्रवाई हुई।

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सेटिंग गेटिंग के खेल में शिकायतों को दबाकर मामले पर जिम्मेदार ही पर्दा डाले रह गये। अब सरकार के भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई का फरमान जारी किया है। जिले में एंटी भू माफिया टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया है। सरकार अब ऐसे जमीनों की खोज के लिए राजस्व विभाग के अधिकारियों की चूड़ी टाइट करनी शुरू की तो गठजोड़ तंत्र में खलबली मच गई है। लेकिन अभी तक जिले में भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई नही हो सकी है।    

शहर के आसपास बेशकीमती सरकारी जमीन पर तेजी अव।ैध कब्जे हो रहे हैं। प्रशासन को इस अवैध कब्जे की जानकारी है। बावजूद इसके प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। इससे प्रशासन की कार्य प्रणाली संदेह के घेरे में है। मालूम हो कि इन दिनों शहर में जमीन का धंधा तेजी के साथ फल-फूल रहा है। शहर के आसपास निजी जमीन की कीमतें आसमान छूने से भू माफिया ने सरकारी जमीनों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। भू माफिया सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उन्हें एग्रीमेंट ((अनुबंध)) के आधार पर सस्ते दामों में लोगों को बेच रहे हैं। इस कारोबार की जानकारी प्रशासन के पास है, लेकिन प्रशासन भू-माफियाओं को खदेडऩे के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा।

नगर निगम नहीं दे रहा कोई ध्यान
महानगर में महेन्द्र नगर और पला साहिबाबाद ही नहीं कई अन्य स्थानों पर नगर निगम की जमीन पर अवैध कब्जे हैं। पला साहिबाबाद  में तो हद हो गई। जगह-जगह जमीन पर कब्जा है। एक मामले में कब्जा हटाने के लिए बार- बार नगर निगम में शिकायत की जाती है, लेकिन कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। हैरानी की बात यह है कि जांच में भी पुष्टि हो जाने के बाद नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

सरकारी जमीन सुरक्षित रहे, इसके लिए शासन ने विभागों को आदेश दिए हैं कि अधिकारी विभाग की जमीन पर कोई कब्जा न होने की रिपोर्ट दें। इतना ही नहीं, शासन ने यह भी निर्देश दिए हैं कि यदि कोई दबंग जबरन जमीन पर कब्जा कर रहा है तो एंटी भूमाफिया पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं। लेकिन, महानगर में अवैध कब्जों की तरफ प्रशासन आंखें बंद किए हुए है। यही वजह है कि दबंगों के हौसले बुलंद हैं और वह बेखौफ होकर सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे कर रहे हैं।
सबसे अधिक लापरवाही नगर निगम की जमीन को लेकर बरती जा रही है। अकेला यही मामला नहीं है, बल्कि नगर निगम की ऐसी बहुत सी जमीन है, जिस पर अवैध कब्जे हैं। इन कब्जों की ओर नगर निगम प्रशासन का ध्यान नहीं है।

स्मार्ट सिटी में बाधा बनेंगे अवैध निर्माण
महानगर स्मार्ट सिटी घोषित हो चुका है। स्मार्ट सिटी के हिसाब से अब महानगर का विकास होगा। लेकिन अवैध कब्जों की वजह से महानगर का स्वरूप बदलने में काफी कठिनाई आएगी।

नाले नहीं हो सके कब्जामुक्त
महानगर के अधिकांश नाले भी अवैध कब्जों की चपेट में हैं। कब्जे हटाने की बात की जाती है, लेकिन मामला टांय-टांय फिस्स हो जाता है। नालों पर अवैध कब्जों के कारण ही बरसात में जलभराव से जनता जूझती है।

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