वह रे सरकार नहीं सुरक्षित पत्रकार
किला चौकी इन्चार्ज प्रदीप यादव को नहीं है डर किसी सरकार का
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव
वहीं दूसरी तरफ लगातार सूबे की पुलिस योगी और भारतीय जनता पार्टी का नाम बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही, कहीं पुलिस लूट कर रही है तो कहीं छेड़छाड़ तो कहीं सरेआम लोगों पर अत्याचार।
इसी क्रम में उन्नाव सदर कोतवाली की किला चौकी प्रभारी प्रदीप यादव व स्टाफ समाजवादी सभासदों/नेताओं के इशारे पर कठपुतली की तरह नाचते है दिनांक 01/10/2023 को चौकी पर बीजेपी के एक पदाधिकारी पर समाजवादी सभासद के इशारे पर आग बबूला हो गए मजे की बात ये है
की बात यही नहीं रुकी बीजेपी पदाधिकारी के सामने ही चौकी का पूरा स्टाफ एक अन्य व्यक्ति के साथ 2024 में इंडिया गठबंधन की सरकार और 2027 में सपा की सरकार को लाने की बात करने लगे और तो और ईवीएम पर भी सवाल खड़े कर दिए
इसी बात पर एक सिपाही बोला की अपनी सरकार तो इसी बार आ जाती लेकिन ओवैसी ने सब गड़बड़ कर दिया, घोसी चुनाव की भी चर्चा। किला चौकी पुलिस के योगी और मोदी सरकार पर एक और बड़ा आरोप लगा दिया की पुलिस वालो से बैलेट पेपर पर केवल दस्तखत करा लिए गए वोट नही डालने दिया गया।
Read More गांवों को रोशन करने के नाम पर करोड़ों का खेल, स्ट्रीट लाइट खरीद में भारी भ्रष्टाचार का आरोपऐसे बेबुनियाद इल्जाम तक लगा डाले। यही नहीं भाजपा पदाधिकारी और पत्रकार को फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी तक दे डाली। भाजपा नेता ने अपनी पार्टी की बुराई सुन मोबाइल का वीडियो चालू कर ऊपर की जेब में डाल लिया जिससे उक्त पुलिसकर्मियों की आवाज तो रिकॉर्ड हो गई
लेकिन जेब के अंदर रहने की वजह से वीडियो के आगे जेब का कपड़ा आ गया परंतु आवाज बिल्कुल स्पष्ट है और पहचानी जा सकती है। आपको बतादे ये वही प्रदीप यादव हैं जिन्होंने अभी कुछ दिन पहले ए आर टी ओ चौराहे के पास एक ट्रक चालक को किसी बात पर ऐसा थप्पड़ मारा था की उसके कान ने खून फेंक दिया था,
आपको बता दे किला चौकी में बीजेपी के किसी पदाधिकारी को सम्मान नही दिया जाता उल्टे उन्हे बुरा भला कहा जाता है वहीं समाजवादी सभासदों/नेताओं का ऐसे सम्मान होता है जैसे कोई विधायक चौकी आ गया
हो और लोगो में चर्चा है की पूर्व में थाना बारासगवर में भी प्रदीप यादव रह चुके जहां इनपर केवल जातिवाद फैलाने का आरोप रहा है। ऐसे दरोगा के सहारे कैसे होगी जनता की रक्षा क्या ऐसे पुलिसकर्मी योगी की नीति और रीत पर खरे उतर पाएंगे,
आखिर ऐसे किसी पार्टी विशेष के लिए काम करने वालो पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। एसपी सिद्धार्थ शंकर मीणा के अच्छे कार्यों को ठेंगा दिखाते नजर आते हैं ऐसे दरोगा।देखने वाली बात ये होगी आगामी लोकसभा चुनाव क्या भाजपा ऐसे पुलिसकर्मियों के सहारे करेगी जिनकी मानसिकता पहले से ही पार्टी के लिए ठीक नहीं है।

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