गठबंधन साथियों को धोखा देने वाली पार्टी है कांग्रेस: अखिलेश यादव
Rajniti: इंडिया गठबंधन में बिखराव का एक और अध्याय सामने आ गया है। हम आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच मतभेद इतने गहरा गये हैं कि इसका असर लोकसभा चुनावों में दोनों दलों के गठबंधन पर पड़ सकता है। हम आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांगेस पर उनकी पार्टी को ‘जातिवादी और वंशवादी’ बताने के लिए निशाना साधते हुए कहा है।
हम आपको बता दें कि अखिलेश यादव ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए सपा का प्रचार करते हुए छतरपुर जिले के चंदला में कहा, ‘‘यह कांग्रेस ही थी जिसने मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सपा के साथ गठबंधन करने से इंकार कर दिया।’’ यादव ने कहा, ''कांग्रेस कहती है कि सपा ‘जातिवादी और वंशवादी’ पार्टी है, तो फिर उसमें और भाजपा में क्या अंतर है? वे दोनों एक ही भाषा बोलते हैं।’’ अखिलेश यादव ने कहा कि वंशवादी राजनीति हर पार्टी में मौजूद है। उन्होंने कहा कि जो भी सामाजिक न्याय की बात करेगा उसे जातिवादी होने का आरोप झेलना पड़ेगा।
राज्य में कांग्रेस द्वारा सपा उम्मीदवारों की खरीद-फरोख्त पर यादव ने कहा, ‘‘यह उनके इरादों को दर्शाता है...उन्हें ऐसा करने दीजिए। मध्य प्रदेश के लोगों ने देखा है कि यह कांग्रेस ही थी जिसने गठबंधन को खारिज कर दिया था।'' हम आपको बता दें कि अखिलेश यादव चंदला में पार्टी प्रत्याशी पुष्पेंद्र अहिरवार के समर्थन में एक आमसभा को संबोधित करने आये थे।
जनसभा को संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि कुछ दल सपा को जातिवादी कह रहे हैं, लेकिन "समाजवादी कभी भी जातिवादी नहीं हो सकते क्योंकि वे सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं।" उन्होंने आश्वासन दिया कि जब भी सपा सत्ता में आएगी या उसके समर्थन से राज्य में सरकार बनेगी, तो सबसे पहले जातीय जनगणना कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि चंदला की जनता ने दो बार सपा प्रत्याशियों को आशीर्वाद दिया है और इस बार भी वह उसकी जीत सुनिश्चित करेगी।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के बारे में सपा प्रमुख यादव ने कहा कि इस पर लोकसभा चुनाव के समय चर्चा की जाएगी, क्योंकि केवल "पीडीए" (पिछड़ा, दलित और आदिवासी) की ताकत ही भाजपा को हरा सकेगी। उन्होंने एक प्रश्न पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार कमलनाथ "बुजुर्ग" हैं, लेकिन सत्तारुढ़ भाजपा के पास मध्य प्रदेश में संभागों की संख्या से अधिक मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं।
Read More Highway Milestone: सड़क किनारे क्यों लगे होते हैं अलग-अलग रंग के माइलस्टोन? जानें क्या है इनका मतलबचुनाव के बाद किसी पार्टी को समर्थन देने पर यादव ने कहा कि वह केवल उसी पार्टी को समर्थन देने पर विचार करेंगे जो जातीय जनगणना कराएगी। हालाँकि, यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उस बयान पर टिप्पणी करने से परहेज किया कि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में कुछ भी नहीं हो रहा है, उन्होंने कहा कि वह इस बारे में बाद में बात करेंगे। सपा प्रमुख यादव ने कहा, ‘‘भाजपा भी अब पिछड़े वर्गों को अधिक टिकट देने की बात कर रही है।
यह मानसिकता में बड़े बदलाव को दर्शाता है। यहां तक कि कांग्रेस, जिसने आजादी के बाद जातीय जनगणना कराना बंद कर दिया था, अब इसके बारे में बात कर रही है...इसका मतलब है कि उन्हें पीडीए की ताकत का एहसास हो रहा है।’’ दलित या पिछड़े वर्ग के किसी सदस्य को मुख्यमंत्री बनाने के चुनावी वादे के बारे में पूछे जाने पर यादव ने दावा किया कि कांग्रेस और भाजपा दोनों कभी भी दलितों और पिछड़े वर्गों के पक्ष में निर्णय नहीं लेंगी।

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