पीलीभीत-सितारगंज हाईवे: अधिगृहीत जमीनों के मुआवजे की प्रक्रिया लटकी, जानिए क्या है वजह

पीलीभीत-सितारगंज हाईवे: अधिगृहीत जमीनों के मुआवजे की प्रक्रिया लटकी, जानिए क्या है वजह

स्वतंत्र प्रभात 
पीलीभीत-सितारगंज हाईवे फोरलेन में किसानों की अधिगृहीत जमीनों के मुआवजे की प्रक्रिया लटक गई है। सिटी मजिस्ट्रेट के आमद दर्ज न कराने से यह प्रक्रिया लटकी है। पांच दिनों से सिटी मजिस्ट्रेट की सीट खाली होने से किसान कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं।
 
पीलीभीत-सितारगंज हाईवे के निर्माण में सदर के अलावा अमरिया तहसील के 33 गांवों के करीब 2300 ग्रामीणों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था। किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही थी। करीब 10 करोड़ का मुआवजा किसानों को मिल भी गया था। बाकी प्रक्रिया अंतिम दौर में चल रही थी।
 
इसी बीच सिटी मजिस्ट्रेट सुनील कुमार सिंह का सीतापुर में एडीएम न्यायिक के पद पर तबादला हो गया। स्थानांतरण के बाद उनके स्थान पर बिजनौर से विजय वर्धन तोमर को पीलीभीत आना था। वह अब तक जिले में आमद नहीं करा सके हैं। जबकि तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट को यहां से पांच दिन पहले ही रिलीव कर दिया गया।
 
उनके जाने और दूसरे सिटी मजिस्ट्रेट के न आने से मुआवजे की प्रक्रिया रुक गई है। किसान अपनी समस्या लेकर कार्यालय तो आते हैं लेकिन उनका निस्तारण नहीं हो पा रहा है। डीएम संजय कुमार सिंह ने बताया कि नवागत सिटी मजिस्ट्रेट की पुलिस भर्ती में ड्यूटी थी, इस कारण नहीं आ सके। जल्द ही यहां आकर चार्ज संभाल लेंगे।

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