भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली
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स्वतंत्र प्रभात
मोहम्मदी खीरी। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में किसानों ने ट्रैक्टर रैली गोला मण्डी से मोहम्मदी मण्डी तक निकालकर प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। साथ ही सरकार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति के नाम 15 सूत्री मांग पत्र उपजिलाधिकारी डॉ अवनीश कुमार को सौंपकर समस्याओं को हल कराने की मांग की। यह भी स्पष्ट किया कि मांगें पूरी नहीं की गईं तो रैली को आंदोलन का रूप देकर प्रदर्शन किया जाएगा। बुधवार को भाकियू (क्रांति) के जिला अध्यक्ष दिलबाग सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान गोला मण्डी में एकत्रित हुए । यहां से ट्रैक्टरों पर सवार होकर मोहम्मदी तहसील मण्डी की तरफ रवाना हुए।
ट्रैक्टर रैली गोला मण्डी से शुरू होकर ममरी, हैदराबाद, रेहरिया, लखहा गुरुद्वारा पहुंची, गोमती मोड़ होती हुई, बरवर चौराहा होते हुए, मोहम्मदी मण्डी पहुंची। यहां किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग की थी। साथ ही भारी पुलिस बल तैनात था। अरुण कुमार सिंह और कोतवाली प्रभारी चन्द्र शेखर सहित कई थानों का फोर्स मौजूद थे। यहां किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।
किसान नेता ने कहा कि सरकार से लेकर सरकारी विभाग किसानों का शोषण करते आ रहे हैं। ऊर्जा निगम, चकबंदी विभाग, तहसील आदि जगह किसानों की समस्याएं हल नहीं हो रही हैं। किसानों को छोटी से छोटी समस्या के लिए धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ता है। किसानों का शोषण अब बरदाश्त नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो इस रैली को आंदोलन का रूप देकर सड़कों पर उतरेंगे। इस दौरान मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी डॉ अवनीश कुमार को किसानों ने राष्ट्रपति के नाम 15 सूत्री मांगपत्र सौंपा। उन्होंने समस्याओं को हल कराने का आश्वासन दिया। इस मौके पर किसान नेताओं सहित काफी संख्या में किसान मौजूद रहे
ये हैं प्रमुख मांगें
1- मूल वृद्धि पर नियंत्रण रखें भोजन , दबाओ ,कृषि इनपुट और मशीनरी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाए, पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस पर केंद्रीय उत्पादन शुल्क में काफी कमी करें।
2- वरिष्ठ नागरिकों ,महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों खिलाड़ियों को रेलवे द्वारा कोविड के बहाने वापस ली गई रिआयतें वापस की जाएं।
3- खाद्य सुरक्षा की गारंटी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाना।
4- सभी के लिए मुफ्त शिक्षा,स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी नई शिक्षा नीति 2020 को रद्द करें।
5- सभी के लिए आवास सुनिश्चित करें।
6- वन विभाग अधिनियम एफ आर ए का कड़ाई से कार्यान्वयन संरक्षण अधिनियम 2023 और जैव विविधता अधिनियम और नियमों में संशोधन वापस ले केंद्र सरकार को निवासियों को सूचित किए बिना जंगल की निकासी की अनुमति देते हैं जोतने वाले को भूमि सुनिश्चित करें।
7- सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योगों सरकारी विभागो का निजीकरण बंद करें और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन एनएमपी को खत्म करें खनिजों और धातुओं के खनन पर मौजूद कानून में संशोधन करें स्थानीय समुदायों विशेष कर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कोयला खदानों से लाभ का 50% हिस्सा सुनिश्चित करें।
8- बिजली संशोधन विधेयक 2022 को वापस ले कोई प्रीपेड स्मार्ट मीटर नहीं।
9-काम के अधिकार को मौलिक बनाया जाय। स्वीकृत पदों को भरें और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करें, मनरेगा का विस्तार और कार्यान्वयन प्रतिवर्ष 200 दिन और 600 रुपए प्रतिमाह मजदूरी शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम बनाएं।
10- किसानों को उर्वरक और बिजली पर सब्सिडी बढ़ाएं किसानों की उपज के लिए एमएसपी की गारंटी दें, किसानों की आत्महत्याओं को हर कीमत पर रोकें।
11- कॉर्पोरेट समर्थक पीएम फसल बीमा योजना को वापस लें, जलवायु परिवर्तन सूखा बाढ़ फसल संबंधी बीमारियो आदि के कारण किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सभी फसलों के लिए एक व्यापक सार्वजनिक क्षेत्र की फसल बीमा योजना स्थापित करें।
12- सभी कृषक परिवारों को कर्ज के जाल से मुक्त करने के लिए व्यापक ऋण माफी योजना की घोषणा करें। 13- केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासनों को लागू करें जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित कर दिया गया था सभी शहीद किसानों के लिए सिंधु सीमा पर स्मारक मुआवजा दें और उनके परिवारों को पुनर्वास करें सभी लंबित मामलों को वापस लें, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ट्रेनिंग पर मुकदमा चलाया जाए।
14- एनपीएस को खत्म करें ओपीएस को बहाल करें और सभी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करें।
15- संविधान के मूल मूल्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असहमति का अधिकार धर्म की स्वतंत्रता विविध संस्कृतियों भाषण कानून के समक्ष सामान्य और देश की संघीय संरचना आदि पर हमला बंद करें।
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