कौशाम्बी लोकसभा सीट पर किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे राजा भैया?
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ब्यूरो प्रयागराज। कोसांबी लोक सभा सीट पर कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे। संगठन की बैठक में राजा भैया ने यह निर्णय लिया। इस दौरान उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं को स्वतंत्र होकर अपने विवेक से मतदान करने की बात कही है।
कौशाम्बी लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधान सभा क्षेत्र चायल, सिराथू, मंझनपुर विधानसभा के अलावा प्रतापगढ़ जनपद में बाबागंज और कुंडा विधानसभा भी शामिल है। कौशाम्बी जनपद की तीन विधानसभाओं के साथ - साथ पार्टी प्रत्याशियों को कुंडा और बाबागंज के मतदाताओं की भी आवश्यकता होती है, जिसकी चाभी कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पास होती है।
भाजपा और सपा के प्रत्याशी और उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लोग इस मामले में राजा भैया से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उनसे कोई पार्टी निर्णय नही लिवा सकी। जानकार लोगो का कहना है कि राजा भैया राजनीति के बहुत मजेहुए खिलाड़ी है खिलाड़ी है।उन्होंने यह ऐलान बहुत सोच समझ कर किया है।क्योंकि उनके मौन रहने पर बीजेपी फायदा उठा ले जाती जो उनकी भविष्य को राजनीति के लिए हानिकारक हो सकती थी।इसलिए उन्होंने अपने कार्य कर्ताओं को स्वतंत्र होकर निर्णय लेने की छूट दे दिया।जिससे कोई जीते या हारे उनको दोषी न ठहरा सके।
कौशाम्बी लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधान सभा क्षेत्र चायल, सिराथू, मंझनपुर विधानसभा के अलावा प्रतापगढ़ जनपद में बाबागंज और कुंडा विधानसभा भी शामिल है। कौशाम्बी जनपद की तीन विधानसभाओं के साथ - साथ पार्टी प्रत्याशियों को कुंडा और बाबागंज के मतदाताओं की भी आवश्यकता होती है, जिसकी चाभी कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पास होती है।
भाजपा और सपा के प्रत्याशी और उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के लोग इस मामले में राजा भैया से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन उनसे कोई पार्टी निर्णय नही लिवा सकी। जानकार लोगो का कहना है कि राजा भैया राजनीति के बहुत मजेहुए खिलाड़ी है खिलाड़ी है।उन्होंने यह ऐलान बहुत सोच समझ कर किया है।क्योंकि उनके मौन रहने पर बीजेपी फायदा उठा ले जाती जो उनकी भविष्य को राजनीति के लिए हानिकारक हो सकती थी।इसलिए उन्होंने अपने कार्य कर्ताओं को स्वतंत्र होकर निर्णय लेने की छूट दे दिया।जिससे कोई जीते या हारे उनको दोषी न ठहरा सके।
राजनीतिक लोगो कहना है कि उनके संबंध उतने ही इंडिया गठबंधन के नेताओ से अच्छे है जितना बीजेपी के नेताओ से।वह पाच बार विधायक चुने गए तो अपने दम पर।इसलिए उन पर किसी भी दल के नेता का दवाब काम नही कर पाता।राज्य सभा और एमएलसी के चुनाव में अगर योगी के आग्रह पर अपने दल के सदस्यों का वोट दिला कर योगी की सहानुभूति ली तो इस चुनाव में तटस्थ रह कर सपा को भी बोलने का मौका नहीं देना चाहते थे।
लोगो का कहना है कि भले ही उन्होंने यह घोसडा कर दी है लेकिन परीणाम आने पर रहस्य का पर्दा उठना निश्चित है।और वे जिसे चाहेंगे जीत कोसांबी में उसी की होगी।
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