करोड़ की लागत से निर्मित सौ बेड अस्पताल, अपने उद्देश्य को नहीं कर सका प्राप्त

करोड़ की लागत से निर्मित सौ बेड अस्पताल, अपने उद्देश्य को नहीं कर सका प्राप्त

मिल्कीपुर,अयोध्या। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया गया। लेकिन बेहतर उपचार की आस अब तक अधूरी है। नगर पंचायत कुमारगंज क्षेत्र ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 20 करोड़ रुपये की लागत से सौ शैय्या अस्पताल का निर्माण कराया गया। लगभग तीन वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां आवश्यकता के अनुरूप डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को तैनाती नहीं की जा सकी है। यहीं कारण है कि यह चिकित्सालय अब तक अपने उद्देश्य को प्राप्त नहीं कर सका है।
24 घंटे चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इस अस्पताल की स्थापना की गई थी। इमरजेंसी से लेकर ओपीडी तक कोई भी, किसी भी बीमारी से पीड़ित मरीज यहां पहुंचे तो उसे तत्काल चिकित्सकीय सुविधा प्रदान कर उसके जीवन की रक्षा की जा सके लेकिन ऐसा नहीं हो सका। यहीं नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मिलने वाली प्रसव जैसी सुविधा भी इस चिकित्सालय में नहीं मिल पा रही है। आज भी इस चिकित्सालय को अल्ट्रासाउंड सहित अन्य आधुनिक सुविधाओं और उन्हें संचालित करने वाली कर्मियों की प्रतीक्षा है।
फिजिशियन का एक पद, चेस्ट फिजिशियन, रेडियोलॉजिस्ट के दो पद रिक्त हैं। बेहोशी के डॉक्टर के दो पद, सर्जन के भी दो पद, नेत्र सर्जन, वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ के दो पद रिक्त है। पैथोलाजिस्ट के दो पद, ओटी टेक्नीशियन व लैब टेक्नीशियन के दो पद, फिजियोथेरेपिस्ट व स्टाफ नर्स के 18 पद रिक्त हैं।
अस्पताल के सीएमएस डॉ रजत चौरसिया के अनुसार जो चिकित्सक और संसाधन उपलब्ध हैं, उनके अनुरूप मरीजों को चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। डॉक्टर स्टाफ व उपकरणों के लिए लगातार पत्राचार किया जा रहा है।
 

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