खंड विकास अधिकारी की लापरवाही! छः माह से सहभागिता योजना की नही भेजी जा रही धनराशि आखिर कैसे होगी गोवंशों की सेवा 

खंड विकास अधिकारी की लापरवाही! छः माह से सहभागिता योजना की नही भेजी जा रही धनराशि आखिर कैसे होगी गोवंशों की सेवा 

 

स्वतंत्र प्रभात
अंबेडकरनगर। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा गोवंशों की सेवा करने के लिए चलाए जा रहे सहभागिता योजना के तहत गोवंशों की देखभाल के लिए गोवंश सेवक को प्रति गोवंश 15 सौ रुपए प्रति माह देने के लिए योजना चला रही है। ताकि गोवंशों की सेवा सही तरीके से हो सके। जिसका लाभ उन गोवंश सेवक को मिलना है जिनके द्वारा सरकारी गौशाला से गोवंश को लेकर अपने घर पालन पोषण के लिए लेकर गए हैं। जनपद के कटेहरी ब्लाक अंतर्गत करीब 40 गोवंश सेवक ने  गौशालाओं से गाय को पालन के लिए लेकर गए हैं।

ताकि गोवंशों की सेवा उनके द्वारा की जा सके तथा योजना के तहत मिलने वाली धनराशि से उनके लिए भूसा, चूनी, चोकर आदि खरीद कर उनका सही ढंग से पालन पोषण व देखभाल हो सकें लेकिन खंड विकास अधिकारी कटेहरी प्रमोद कुमार की लापरवाही के चलते करीब छः माह से सरकार की तरफ से चलाई जा रही सहभागिता योजना के तहत मिलने वाले लाभ को उनके खाते में धनराशि को नहीं भेजी गई है। जबकि गौशाला से ले जाते समय सभी गोवंश सेवक ने अपने सभी कागजात स्टाम्प के साथ पशु चिकित्सा अधिकारी को दिया था। पशु चिकित्सा अधिकारी ने तत्समय खंड विकास अधिकारी को उनकी सूची भेज दिया था। लेकिन खंड विकास अधिकारी की लापरवाही के चलते अभी तक उनके खातों में धनराशि नहीं पहुंच पाई है। कुछ गोवंश सेवक मजबूर होकर गौशाला में दोबारा गाय को छोड़ने के लिए मजबूर हो गए है। जिसके चलते गोवंश सेवक गोवंशों के खाने के लिए भूसा आदि नहीं खरीद पाए हैं। क्योंकि भूसा खरीदने का समय अब निकल चुका है। इस दौरान उनके खातों में धनराशि नहीं भेजी गई थी बारिश का मौसम आने के कारण अब उन्हें गोवंशों के चारा के लिए भटकना पड़ सकता है। आखिर इतनी बड़ी लापरवाही खंड विकास अधिकारी के द्वारा गोवंशों के साथ बरती गई। वहीं अब पशुओं का जियो टैग के साथ उनकी ऑनलाइन एप के माध्यम से जीवित होने का फोटो व टैग को घर-घर जाकर अपलोड भी करने का प्रावधान है। तब सूची निकलने के बाद विकास भवन में जमा करना पड़ता है।आखिर इतने समय से जिन लाभार्थियों (गोवंश सेवक) के खाते में पैसा नहीं भेजा गया उनको पैसा अब कैसे भेजा जाएगा! जो गाय बीच में ही मर चुकी होगी उनके बारे में कैसे पता लगाया जाएगा कि उनकी मौत कब किस माह में हुई थी। उनकी धनराशि आखिर किस आधार पर कैसे भेजी जाएगी। इतनी बड़ी लापरवाही खंड विकास अधिकारी के द्वारा किया जाना शासन के तरफ से चलाई जा रही योजनाओं को सही से क्रियान्वित नहीं किया जा रहा है। कृषकों को उसका लाभ समय से नही दिया जा रहा है। आखिर इतने बड़े विकास खंड को कैसे संभालते होंगे खंड विकास अधिकारी यह भी अपने आप मे बड़ा सवाल है।

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