आशा कार्यकत्रियों ने सौंपा ज्ञापन, महत्वपूर्ण कार्यों के लिये भुगतान की मांग  

आशा कार्यकत्रियों ने सौंपा ज्ञापन, महत्वपूर्ण कार्यों के लिये भुगतान की मांग  

बस्ती । बस्ती जिले में गुरूवार को आल इण्डिया आशा अधिकार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन्तोष पाण्डेय के नेतृत्व में आशा कार्यकत्रियों ने जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मांग किया कि दस्तक अभियान, संचारी रोग नियंत्रण अभियान ‘डाट’, टी.वी. खोज अभियान, डायरिया नियंत्रण, बाल स्वास्थ्य पोषण माह, आयुष्मान कार्ड जैसे महत्वपूर्ण कार्यों के बदले उन्हें भुगतान दिलाया जाय।
 
ज्ञापन देने के बाद मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सन्तोष पाण्डेय ने बताया कि आशाओं को कोई वेतन, मानदेय नहीं दिया जाता है केवल कार्य आधारित प्रोत्साहन राशि ही दी जाती है। वो कब और कितना मिलना है कोई पता नहीं रहता। प्रोत्साहन राशि देने में भी मनमानी की जाती है। दस्तक अभियान, संचारी रोग नियंत्रण अभियान, (डाट) टीवी खोज अभियान, डायरिय नियंत्रण, बाल स्वास्थ्य पोषण माह, आईडी और आयुष्मान कार्ड निःशुल्क करायें जाते है और इसका किसी भी प्रकार का कोई भुगतान देय नहीं होता।
 
सरकार द्वारा निर्धारित मनरेगा मजदूरी भी 237 रु. है जो कि एक अनट्रेंड लेवर होते हैं। तो क्या प्रशिक्षण लेकर समाज को स्वस्थ रखने वाली आशा इसकी भी हकदार नहीं हैं।दस्तक एवं संचारी अभियान 11 जुलाई से प्रारंभ होकर 31 जुलाई तक चलेगा यानी 21 दिन आशाओं को बिना पैसे के कार्य करना है। आशा कार्य से पीछे नहीं है लेकिन उनको कार्य का पारिश्रमिक मिलना चाहिए।एक सप्ताह के अंदर दस्तक एवं संचारी अभियान आभा, आयुष्मान जैसे फ्री करायें जाने वाले कार्यों पर सरकार भुगतान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें तभी दस्तक एवं संचारी जैसे कार्य होंगे अन्यथा आशाये कार्य नहीं करेंगी।
 
कार्य न होने पर सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी। कहा कि एक तरफ भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार महिला कल्याण पर अच्छा खासा बजट खर्च कर उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बना रही है और दूसरी तरफ हम महिला श्रमिकों को काम का दाम भी नहीं मिल रहा है। ये कौन सा महिला सशक्तिकरण है। ये हम लोगों के साथ कौन सा न्याय है।
 
 

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