तीन विभागों के बीच फंसा जिला अस्पताल की जल निकासी की व्यवस्था; जल भराव से कर्मी, चिकित्सक और मरीज-तीमारदार साँसत झेलने को विवश।

तीन विभागों के बीच फंसा जिला अस्पताल की जल निकासी की व्यवस्था; जल भराव से कर्मी, चिकित्सक और मरीज-तीमारदार साँसत झेलने को विवश।

बस्ती। जिला अस्पताल में जल निकासी व्यवस्था के निस्तारण का पेंच तीन विभागों में फंस गया है। तीनों विभाग एक-दूसरे पर कार्य थोप रहे हैं। इससे कोई हल नहीं निकल रहा और तीनों विभागों के इस झगड़े में जलभराव की सांसत झेलने को यहां के कर्मी, चिकित्सक और मरीज-तीमारदार विवश हो रहे हैं। जिला अस्पताल के तीन गेट हैं।बता दें कि मुख्य प्रवेश द्वार नगर पालिका के सीमा क्षेत्र में है, जबकि द्वितीय और तृतीय गेट गांव पंचायत के सीमा में है। इस कारण सफाई से लेकर अन्य दिक्कतों को लेकर आए दिन स्वास्थ्य, नगर पालिका और गांव पंचायत में मामला फंस जाता है।
 
कई बार कूड़ा उठाने को लेकर भी मामला फंस चुका है।बता दें कि अब जिला अस्पताल के सामने नई मुसीबत जलभराव का है। बारिश होते ही गेट नंबर-दो और तीन के सामने और ओपीडी भवन के पास व पर्चा काउंटर, आयुष विंग विभाग के सामने घुटने भर पानी भर जाता है। इससे पर्चा काउंटर बंद करना पड़ता है। आयुष के मरीज इधर-उधर जाकर परामर्श लेते हैं। इससे संक्रमण भी फैलने का डर बना रहता है।
 
बताया गया कि पानी निकास के लिए जो नाले बने हैं वह पट चुके हैं। सफाई नहीं होने से नाले का पानी और बारिश का पानी सीधे परिसर में आ जा रहा है। निकास की व्यवस्था नहीं है। जल निकासी व्यवस्था के लिए एसआईसी कई बार नगर पालिका को पत्राचार कर चुके हैं, बावजूद इसके अब तक उस पर कार्रवाई नहीं हुई
ईओ नगर पालिका का कहना है कि वह परिसर गांव पंचायत में है, ऐसे में सफाई व अन्य कार्य नहीं करवा सकते। वहीं गांव पंचायत भी इस कार्य से हाथ पीछे खींचे हुए है। स्वास्थ्य विभाग बजट का हवाला देकर मामला लटकाए हुए है।
 
नगर पालिका को कई बार पत्र भेजकर नाली दुरुस्त कराते हुए जल निकासी व्यवस्था ठीक कराने के लिए अनुरोध किया गया है। अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ। जलभराव की समस्या से परेशानी हो रही है। नाली और बारिश का पानी परिसर में आ जाता है।
 
 

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