पन्द्रह लाख रुपये के अपने विभाग का भ्रष्टाचार छिपाने में जिला पंचायत राज अधिकारी को लगे पाँच साल

-अब तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत अधिकारी रितुराज पाण्डेय को बचाने में जी - जान से लगे डीपीआरओ

पन्द्रह लाख रुपये के अपने विभाग का भ्रष्टाचार छिपाने में जिला पंचायत राज अधिकारी को लगे पाँच साल

-तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी ने निकासी पर लगाया होता रोक तो पन्द्रह लाख नहीं हड़प पाते सेक्रेटरी रितुराज पाण्डेयभ्रष्टाचारी कब होंगे सलाखों के पीछे पूँछ रही जनता 

बस्ती। जनपद के पंचायत राज विभाग में भ्रष्टाचार का आलम इस कदर बढ़ गया है कि जिला पंचायत राज अधिकारी को अपने विभाग के पन्द्रह लाख रुपये के घोटाले को छिपाने व तत्कालीन बीडीओ व ग्राम पंचायत अधिकारी रितुराज पाण्डेय को बचाने में पाँच साल गुजर गए । भ्रष्टाचार छिपाने में जिला पंचायत राज अधिकारी एण्ड कम्पनी सफल भी रही परन्तु समाजसेवी धर्मेन्द्र की शिकायत ने भ्रष्टाचारियों के मंसूबे पर पानी फेर दिया ।धर्मेन्द्र कुमार पुत्र राम उजागिर निवासी पकड़ी सोयम विकास खण्ड - रुधौली ने जिला पंचायत राज अधिकारी बस्ती को दिनांक 29-02-2024 को शिकायती पत्र भेजकर ग्राम पंचायत अधिकारी रितुराज पाण्डेय के द्वारा की गयी वित्तीय अनियमितता की शिकायत किया था ।
 
जिला पंचायत राज अधिकारी ने मामले की जाँच करवाया तो वित्तीय अनियमितता की पुष्टि हुई जिसमें सेक्रेटरी रितुराज पाण्डेय द्वारा विकास खण्ड राधौली से स्थानान्तरण के बाद ग्राम पंचायत मझौआ कला के फस्ट खाते से 59528O रुपये , ग्राम पंचायत भरौली से 389718 रुपये व ग्राम पंचायत पैंडा से 519924 रुपये कुल योग  रुपये 1504922 का आहरण रुधौली विकास की ग्राम पंचायतों से किया गया है ।
 
वित्तीय अनियमितता की पुष्टि होने के बाद विभाग द्वारा सम्बन्धित ग्राम पंचायत अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है यदि जाँच व कार्यवाही सही दिशा में आगे बढ़ी तो ग्राम पंचायत अधिकारी रितुराज पाण्डेय की मुश्किलें बढ़ना तय हैं । फिरहाल जिन भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे होना चाहिए वह जिला पंचायत राज अधिकारी से दुरभि संधि करके खुलेआम अपने लाइसेंसी असलहे की बदौलत लोकतन्त्र के चौथे स्तम्भ मीडिया को धमकाने का कार्य कर रहा है ।

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