खदान में हुआ हादसा, जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी,मानक  विहीन चल रही खदाने

- भयावह हादसा,खदान पर पोकलैंड मशीन पलटी

खदान में हुआ हादसा, जिम्मेदार अधिकारियों की अनदेखी,मानक  विहीन चल रही खदाने

चित्रकूट।
 
जिले के भरतकूप क्षेत्र में एक बार फिर मानक विहीन खदान संचालन ने मजदूरों की जान को जोखिम में डाल दिया। गाटा संख्या 1078 खंड 31 नंबर की झांसी खदान पर पोकलैंड मशीन पलटने से ऑपरेटर की जान चली गई। हादसे के बाद खदान मैनेजर ने डंपर में मोरम लदवाकर मौके से भिजवा दिया, ताकि दुर्घटना के सबूत मिटाए जा सकें।
 
सूत्रों के अनुसार, नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों ने पुष्टि की है कि ऑपरेटर की मौके पर ही मौत हो गई।हादसे की सूचना मिलते ही खनिज अधिकारी, सीओ सिटी, और भरतकूप थाना प्रभारी प्रवीण सिंह मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गए। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतनी गंभीर घटनाओं के बावजूद अधिकारी नियमित निरीक्षण क्यों नहीं करते? ग्रामीणों ने कई बार शिकायतें की हैं और आवाजें उठाई हैं, लेकिन उनकी सुनवाई अब तक नहीं हुई।
 
मौके पर पहुंचे पत्रकारों ने जब खदान मैनेजर से सवाल किए, तो उसने जवाब देने के बजाय पत्रकारों पर ही दबाव बनाने की कोशिश की और उल्टा पत्रकारों पर ही आरोप लगाया। यह घटना भरतकूप थानांतर्गत ग्राम गोंडा के भोरा में हुई, जहां कई बार अवैध रूप से खदानों का संचालन होता देखा गया है। और मानक विहीन खदान चल रही है। खदानों की गाइड लाइन द्वारा दिशा निर्देश दिए थे कि ब्रेंच बनाकर पत्थर का तोडान करे। लेकिन यह सब कागजों में ही  सिमट कर रह गया है  अब सवाल यह उठता है कि कब तक प्रशासन इस तरह की घटनाओं को नजरअंदाज करता रहेगा? वही आपको बता दे कि ग्रामवासियों ने इन मानक विहीन खदानों के खिलाफ कई बार आवाज उठाई, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई।
 
खदानों में काम करने वाले मजदूर दो वक्त की रोटी कमाने के लिए जान की बाजी लगाते हैं, लेकिन अनदेखी के चलते वे मौत के गाल में समा जाते हैं। इसका कारण कहीं न कहीं जिले के जिम्मेदार अधिकारी भी हैं, जिनकी जिम्मेदारी खदानों का नियमित निरीक्षण करना है, लेकिन उन्होंने अपनी भूमिका में लापरवाही बरतते हुए नजर आते है।यह कोई पहली घटना नहीं है जब मानक विहीन खदान संचालन ने मजदूरों की जान ली हो। लगातार होती ऐसी घटनाओं से जिले में खनन विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

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