बीजेपी सांसद पर रिपोर्ट छापने के 6 महीने बाद पत्रकार गिरफ्तार।
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स्वतंत्र प्रभात।
ब्यूरो प्रयागराज
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शनिवार, 2 नवंबर को गाजियाबाद में एक स्थानीय हिंदी अखबार के संपादक को बीजेपी सांसद अतुल गर्ग की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार कर लिया । गाजियाबाद के सांसद ने अपनी तहरीर में 'आप अभीतक' अखबार के प्रधान संपादक इमरान खान पर छह महीने पहले प्रकाशित एक रिपोर्ट के लिए मानहानि का आरोप लगाया गया था । बीजेपी सांसद अतुल गर्ग ने 6 अक्टूबर को 'आप अभीतक' के प्रधान संपादक इमरान खान के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी ।
मामला इसी साल 12 अप्रैल को छपी एक रिपोर्ट से जुड़ा है । लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने वीके सिंह की जगह स्थानीय विधायक और योगी सरकार में मंत्री रह चुके अतुल गर्ग को टिकट दिया । 12 अप्रैल को 'आप अभीतक' अखबार में कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा द्वारा संबोधित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के आधार पर पत्रकार सुभाष चंद ने एक रिपोर्ट छापी. 'भाजपा ने भूमाफिया अतुल गर्ग को ही बना दिया लोकसभा प्रत्याशी' हेडलाइन से छपी । इस रिपोर्ट में डॉली शर्मा द्वारा अतुल गर्ग और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ लगाए गए जमीन हड़पने के आरोपों का उल्लेख किया गया था।
अतुल गर्ग ने 8.54 लाख वोटों के साथ गाजियाबाद से लोकसभा चुनाव जीत लिया. जबकि डॉली शर्मा 5.17 लाख वोटों के साथ दूसरे नंबर पर रहीं । इस रिपोर्ट के छपने के लगभग छह महीने बाद, अतुल गर्ग ने 6 अक्टूबर को डॉली शर्मा और अखबार के प्रधान संपादक इमरान खान के खिलाफ मानहानि की शिकायत दर्ज करा दी । उसी दिन पुलिस ने आईपीसी की धारा 500 (मानहानि), 501 (मानहानि करने वाली बात छापना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66 के तहत एफआईआर दर्ज की ।
सांसद अतुल गर्ग ने अपनी तहरीर में लिखा है कि "इंडिया गठबंध की प्रत्याशी डॉली शर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मानहानि करते हुए भ्रामक, झूठे, बिना तथ्यों और साक्ष्यों या दस्तावेजों के मनगढ़ंत आरोप लगाये कि अतुल गर्ग (प्रार्थी) भूमाफिया है और कहा कि यह केवल इल्जाम नहीं है मेरे पास साक्ष्य भी है । अतुल गर्ग ने लगभग 31000 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर कब्जा कर रखा है । इसके अलावा लगातार सरकारी जमीन पर अतुल गर्ग कब्जा किए हुए हैं । डॉली शर्मा ने प्रार्थी को लोकसभा के चुनाव में हराने और उनकी समाज में छवि को धूमिल करने के लिए बेबुनियाद के आरोप लगाए हैं, जबकि प्रार्थी भूमाफिया नहीं है बल्कि एक ईमानदार छवि वाला सभ्रांत और इज्जतदार व्यक्ति है ।
अपनी तहरीर में सांसद अतुल गर्ग ने कहा है कि डॉली शर्मा द्वारा प्रार्थी पर भूमाफिया होने के आरोप जानबूझकर लगाए गए तथा सोची-समझी साजिश के तहत 'आप अभीतक' के इमरान खान की मदद से और इनके साथ मिलकर प्रार्थी की प्रतिष्ठा और छवि को समाज में धूमिल करने को उददेश्य से यू ट्यूब चैन, पोर्टलों पर प्रसारित कराया और समाचार पत्रों में प्रकाशित और प्रचारित कराया । इससे प्रार्थी को मानसिक और शारीरिक पीड़ा हुई है और सामाजिक प्रतिष्ठा को क्षति पहुंची है ।
6 अक्टूबर को अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद 'आप अभीतक' के प्रमुख संपादक इमरान खान ने इस अखबार के 9 अक्टूबर के अंक में एक संपादकीय छापा था । इसमें उन्होंने लिखा, "सरकार आती और जाती रही हैं. प्रतिनिधि भी चुनते और बदलते रहे हैं, मगर प्रेस की आजादी पर कभी भी रोक नही लगी । किंतु गाजियाबाद में अभिव्यक्ति की आजादी को दमनकारी नीति के तहत प्रेस यानी जन जन की आवाज उठाने वाले कलमकारों की ही आवाज को दबाने का काम किया जा रहा है । यानी अब प्रेस को यह भी स्वतंत्रता नहीं रह गई है कि वह पत्रकारवार्ता में आयोजक द्वारा की गई बातों को लिख सके या दिखा सके. गाजियाबाद के एक सांसद द्वारा सरकारी तंत्र पर दबाव बनाकर एक प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान के मालिक के विरुद्ध अभियोग दर्ज कराया है । संसद द्वारा यह अभियोग तब दर्ज कराया गया है जब प्रेस वार्ता में आयोजनकर्ता द्वारा कही गई बातें बिलकुल शब्द बशब्द लिखे गए है । या फिर यूं कहें कि एक धर्म विशेष को टारगेट किया जा रहा है ।
"देश के चौथे स्तंभ को मुकदमे के नाम पर धमकाने, मानसिक रूप से परेशान करने, चौथे स्तंभ की छवि को धूमिल करने वालों पर क्या एक्शन नहीं होना चाहिए। क्योंकि यदि पत्रकार स्वतंत्र होकर खबर नहीं लिख सकता है तो फिर मीडिया संस्थानों को बंद कर देना चाहिए ।
.इमरान खान के भतीजे नोमान खान ने बताया कि गिरफ्तार होने के बाद इमरान खान ने कहा कि हम सच्चाई के साथ खड़े हैं । जो सच होगा वो लिखूंगा. अगर हम अपनी कलम को दबाएंगे तो हम पत्रकार नहीं कहलाएंगे ।इमरान खान की गिरफ्तारी पर चिंता जाहिर करते हुए प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने ट्वीट किया कि मैसेंजर को गोली मारना अब पूरे देश में एक नई सामान्य बात बन गई है । हम यूपी सरकार से आग्रह करते हैं कि वो पत्रकारों की कार्यप्रणाली और कामकाज के संबंध में पुलिस कर्मियों को जागरूक करे ।
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