कटेहरी उपचुनाव:धर्म का राज, अजय सिपाही किंगमेकर की भूमिका में उभरे

कटेहरी उपचुनाव:धर्म का राज, अजय सिपाही किंगमेकर की भूमिका में उभरे

स्वतंत्र प्रभात-अम्बेडकर नगर
रिपोर्ट: विपिन शुक्ला
 
अंबेडकर नगर। कटेहरी विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में संपन्न हुए उपचुनाव के परिणामों में जहां उम्मीदवारों की जीत-हार पर चर्चाएं तेज हैं, वहीं इस चुनावी जंग में अजय सिपाही ने किंगमेकर की भूमिका निभाकर सबका ध्यान खींचा है।बीजेपी को ये सीट निकालने में 33 साल लग गये। इसके 1991 में बीजेपी इस सीट पर चुनाव जीती थी।
 
राजनीतिक समीकरण बदले
अजय सिपाही, जो क्षेत्र की राजनीति में एक प्रभावशाली नाम हैं, ने अपनी रणनीतिक सूझबूझ और हर वर्ग में अपनी मजबूत पकड़ से चुनावी समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया। कहा जा रहा है कि उनकी सक्रियता और राजनीतिक गठजोड़ के कारण ही कई अलग जाति और धर्म के अलावा  निर्दलीय उम्मीदवार एक विशेष ध्रुव पर लामबंद हुए, जिसका सीधा असर प्रमुख विपक्षी दलों के वोट शेयर पर पड़ा।
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स्थानीय मुद्दों को प्राथमिकता
अजय सिपाही ने चुनाव से पहले स्थानीय मुद्दों को प्रमुखता दी और जनता से सीधा संवाद स्थापित किया। क्षेत्र में विकास कार्य, किसानों की समस्याएं और युवाओं के रोजगार से जुड़े मुद्दों को लेकर उनकी मुहिम ने मतदाताओं पर गहरा प्रभाव डाला।
 
सभी दलों की नजरें उन पर
विश्लेषकों का मानना है कि अजय सिपाही की रणनीति ने क्षेत्र में प्रमुख दलों की राजनीतिक व जातीय गणित को चुनौती दी। उनकी भूमिका इतनी प्रभावी रही कि चुनाव रिजल्ट के बाद भी उनकी चर्चा हर दल में हो रही है।
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क्या कहा अजय सिपाही ने?
चुनाव के बाद अजय सिपाही ने हमारे सीनियर संवाददाता विपिन शुक्ला से बात करते हुए कहा, "यह जीत-हार का नहीं, बल्कि जनता की आवाज को बुलंद करने का समय है। मैं हमेशा क्षेत्र के विकास और जनता के अधिकारों के लिए काम करता रहूंगा। जिसमें बीजेपी के जिले के सभी नेताओं का योगदान रहा साथ ही धर्मराज की साफ छवि व माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कटेहरी उप चुनाव से विशेष जुड़ाव की वजह से 33 साल बाद धर्म राज स्थापित हो पाया। सबसे बड़ी बात कि कटेहरी के हमारे मतदाताओं ने माननीय मुख्यमंत्री की नीतियों और साफ सुथरी छवि पर वोट किया न कि जाति या धर्म पर"
 
33 साल बाद BJP का कटहरी में परचम लहराना न केवल पार्टी के लिए बल्कि क्षेत्रीय राजनीति के लिए भी एक बड़ा बदलाव है। इसे "धर्म राज की स्थापना" का प्रतीक भी कहा जा रहा है।कटेहरी उपचुनाव ने न केवल एक विजेता दिया, बल्कि राजनीति में अजय सिपाही जैसे किंगमेकर तथा जमीनी नेता की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो भविष्य की चुनावी तस्वीर को बदलने की क्षमता रखते हैं।

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