अम्बेडकर नगर भ्रष्टाचार तो नगर पालिका से दूर होने से रहा

दोयम दर्जे की ईंट से अनियमित रूप से बिछाया गया खड़ंजा।

अम्बेडकर नगर भ्रष्टाचार तो नगर पालिका से दूर होने से रहा

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आबादी में रास्ता बनवाने हेतु मद न होने का रोना रोने वाली नगर पालिका अकबरपुर व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए खेतों की चकरोड पर लगवा दी दोयम दर्जे ईंट का नियम विरुद्ध खड़ंजा।

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अम्बेडकरनगर। नगर पालिका अकबरपुर के भ्रष्ट अधिकारियों की कारस्तानी दिन ब दिन अलग अलग रूप में दिख ही जाती है। फिलहाल ये बात तो सही है कि कपड़ा जला है तो बू तो आएगी ही। इसी प्रकार जब भ्रष्टाचार होगा तो सामने दिखेगा ही।

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जी हां मामला है नगर पालिका परिषद अकबरपुर के वार्ड (2) गौसपुर का। जहां नगर पालिका परिषद अकबरपुर द्वारा लगभग 500 मीटर दूरी में चकरोड पर खड़ंजे का निर्माण किया गया है। जिसके बारे में किसी से भी पूछा जाए तो शायद ही कहे कि नगर पालिका परिषद अकबरपुर द्वारा कराए गए इस विकास कार्य में कमियागीरी नहीं की गई है।

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      विकास कार्य सदा सर्वथा अच्छे होते हैं लेकिन व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए खेत के चकरोड पर बने इस खड़ंजे में लगे दोयम दर्जे के ईंट एवं एक ईंट से दूसरी ईंट के गैप और किनारे की खुली ईंट को देखकर कोई भी व्यक्ति यह बात जरूर कह सकता है कि अकबरपुर नगर पालिका परिषद भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा लांघ चुकी है और ठेकेदारों पर बखूबी मेहरबान रहती है। इस प्रकार से लगाया गया खड़ंजा कितना कारगर होगा और यह रास्ता कितने समय तक सुदृढ़ रहेगा यह भविष्य के गर्त में है। मिली जानकारी के अनुसार यह खड़ंजा राम अछैबर के प्लॉट से शुरू होकर सभापति के प्लॉट से होते हुए कच्चा नाले तक बना हुआ है इस बीच में कोई भी आवासीय मकान नहीं है।

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   किसी को व्यक्तिगत लाभ पहुंचाने के लिए खेत के चकरोड पर खड़ंजा लगा दिया जाता है जबकि तमाम ऐसे रास्ते हैं जहां पर लोग निवास करते है बरसात के समय उन रास्तों पर जलभराव हो जाता है और लोग उसी कीचड़ से होकर आने जाने के लिए मजबूर होते हैं उसे नगर पालिका परिषद अकबरपुर के अधिकारियों को बार बार दिखाने के बाद भी उनकी निगाहें नहीं पहुंचती हैं।

     फिलहाल यह तथ्य तो अपने आप में एक अहम स्थान रखता ही है कि बिना किसी आवासीय मकान और विशेष आवागमन वाले चकरोड पर लगभग 10 लाख रुपए की लागत से खड़ंजा लगवा दिया गया जबकि आबादी एवं दिन भर आवागमन वाले रास्ते पर एक ईंट नसीब नहीं हो रही है लेकिन उससे कहीं ज्यादा ध्यान देने योग्य बात यह है कि खड़ंजा कार्य दोयम दर्जे का कराया गया है।

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