लगभग सोलह वर्ष बाद भी स्कूल नहीं पा सका अपना भवन, जबकि दो महिला अध्यापिका की है तैनाती

लगभग सोलह वर्ष बाद भी स्कूल नहीं पा सका अपना भवन, जबकि दो महिला अध्यापिका की है तैनाती

अम्बेडकरनगर

जिले के बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही सरकार पर भी भारी पड़ रही है। जहां सरकार सूबे में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तमाम दावे कर रही है वहीं अम्बेडकरनगर नगर का शिक्षा विभाग 2008 से एक प्राइमरी स्कूल हवा में चला रहा है। बिना अपने भवन के प्राथमिक विद्यालय कोटवा सीहमई में दो महिला अध्यापिकाओं की नियुक्ति भी की गई है। 

जानकारी के लिए बताते चले कि जिले सदर ब्लॉक अकबरपुर (अब नगर पालिका अकबरपुर) के अन्तर्गत आने वाले शिवबाबा वार्ड में स्थित मोहल्ला कोटवा (पहले ग्राम सभा सीहमई कारीरात का एक गांव) है। उक्त कोटवा में एक प्राथमिक विद्यालय कोटवा सीहमई कारीरात नाम से तत्कालीन सरकार द्वारा संस्तुति की गई। तब से अभी तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की अकर्मण्यता के चलते इस प्राथमिक विद्यालय कोटवा सीहमई को अपना स्वयं का भवन नसीब नहीं हुआ। अधिकारियों के ढुलमुल रवैए के चलते स्कूल को लगभग 16 वर्ष के बाद भी अभी तक अपना भवन नहीं मिल सका। जबकि इस स्कूल में दो महिला अध्यापिकाएं भी नियुक्त हैं। 

बेसिक शिक्षा अधिकारी बोले

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इसके बाबत बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेंद्र प्रताप सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने मौखिक बताया कि उक्त विद्यालय, कंपोजिट विद्यालय शिवबाबा में चल रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल भवन निर्माण हेतु उपजिलाधिकारी अकबरपुर से जमीन स्कूल के नाम कराने  एवं सरकार से धन की मांग की गई है।  

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अब सवाल यह उठता है कि जब एक ही स्कूल में बच्चों को पढ़ाना था तो 2008 में किसलिए की गई थी नए स्कूल कोटवा सीहमई की संस्तुति? क्या कभी यह स्कूल भी कर सकेगा अपना गृहप्रवेश?

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