जो लोग झंडे, अशोक चक्र और संविधान से करते थे नफरत, वे आज हमें पढ़ा रहे संविधान का पाठ:।   खड़गे।

जो लोग झंडे, अशोक चक्र और संविधान से करते थे नफरत, वे आज हमें पढ़ा रहे संविधान का पाठ:।   खड़गे।

दया शंकर त्रिपाठी।
प्रयागराज। कांग्रेस अध्यक्षमल्लिका ने कहा, ‘जो लोग राष्ट्रीय ध्वज से नफरत करते हैं, जो हमारे ‘अशोक चक्र’ से नफरत करते हैं, जो संविधान से नफरत करते हैं। ऐसे लोग हमें सिखाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जब संविधान बनाया गया था, तो इन लोगों ने इसे जला दिया था। जिस दिन संविधान अपनाया गया था, उन्होंने रामलीला मैदान (दिल्ली में) में बाबासाहेब अंबेडकर, जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी के पुतले जलाए थे।’कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी के मुंह से संविधान की रक्षा बात हास्यास्पद लगती है। बीजेपी संविधान की प्रस्तावना का भी अलग अर्थ निकालती है।
 
राज्यसभा में संविधान की चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि आज 16 दिसंबर को बांग्लादेश का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। इंदिरा गांधी जैसी बहादुर नेता ने बांग्लादेश के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। लेकिन आज जो हो रहा है, हो सकता है कि बीजेपी नेता वहां अल्पसंख्यकों की मदद करने के लिए उनसे प्रेरित हों,आज की सरकार को कुछ प्रयास करने होंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि बीजेपी के मुंह से संविधान की रक्षा बात हास्यास्पद लगती है। बीजेपी संविधान की प्रस्तावना का भी अलग अर्थ निकालती है। आज नफरती लोग संविधान का पाठ पढ़ा रहे हैं। संविधान सभा में हुई बहसों से यह साफ हो गया है कि आरएसएस के तत्कालीन नेता संविधान के खिलाफ थे। 
 
मल्लिकार्जुन खरगे ने संविधान पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि किसी को भी देश के लिए लड़े बिना आजादी पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। जिन्होंने देश के लिए लड़ाई नहीं लड़ी, वे आजादी के महत्व को कैसे जानेंगे। राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्तमान में नहीं, बल्कि अतीत में जीते हैं। इससे ज्यादा बेहतर होता कि वे लोकतंत्र को मजबूत करने वाली वर्तमान उपलब्धियों को गिनाते। उन्होंने यह भी कहा, “बीजेपी देश के लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए ‘जुमले’ दे रही है और हम पर आरोप लगा रही है।
 
संविधान पर बहस के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमला करने को लेकर निर्मला सीतारमण पर कटाक्ष करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मुझे उन्हें बताना होगा कि मैं भी पढ़ना जानता हूं। मैंने म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़ाई की है। निर्मला सीतारमण ने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। यह तय है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी होगी, उनकी हिंदी अच्छी होगी, लेकिन करतूत अच्छी नहीं है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा, ‘अब उनको बताना पड़ता है कि हमें भी थोड़ा-थोड़ा पढ़ना आता है। हम तो म्यूनिसिपैलिटी स्कूल में पढ़ें हैं। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। निश्चित है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी हो सकती है, उनकी हिंदी भी अच्छी हो सकती है। सभी कुछ अच्छा हो सकता है, लेकिन उनकी करतूत अच्छी नहीं है।’
 
अहमद फराज की शायरी ‘तुम खंजर क्यों लहराते हो…’ से खड़गे ने सरकार पर तंज किया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 1949 में आरएसएस नेताओं ने भारत के संविधान का विरोध किया क्योंकि यह मनुस्मृति पर आधारित नहीं था। न तो उन्होंने संविधान को स्वीकार किया और न ही तिरंगे को। 26 जनवरी 2002 को पहली बार मजबूरी में आरएसएस हेडक्वार्टर पर तिरंगा फहराया गया। क्योंकि इसके लिए कोर्ट का आदेश था। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंदिरा गांधी की सरकार के समय बांग्लादेश की आजादी का जिक्र किया और कहा कि एक लाख लोगों को बंदी बनाना आसान काम नहीं। 
 
खड़गे ने भाषण के अंत में राहत इंदौरी की शायरी पढ़ी
जिधर से गुजरो धुआं बिछा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर दो तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरी जमीनों को लाल कर दो
अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम जिसे भी चाहे हराम कर दो जिसे भी चाहे हलाल कर दो...।

About The Author

Post Comment

Comment List

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel

साहित्य ज्योतिष

संजीव-नी।
संजीव -नी।
संजीव-नी।
संजीव-नी|
संजीव-नी|