मऊ में सिंचाई विभाग द्वारा मानक विहीन सड़क निर्माण कार्य, भ्रष्टाचार का आरोप

मऊ में सिंचाई विभाग द्वारा मानक विहीन सड़क निर्माण कार्य, भ्रष्टाचार का आरोप

मऊ,चित्रकूट। जिले में सिंचाई विभाग द्वारा चलाए जा रहे सड़क निर्माण कार्यों में मानकों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। ग्राम पंचायत नेवरा से लेकर खपटिहा और औझर तक, और राष्ट्रीय राजमार्ग-35 से नहर के किनारे खोर सम्पर्क मार्ग तक निर्माण कार्य हो रहे हैं, लेकिन इनकी गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि इन सड़कों में आवश्यक मानक जैसे तीन लेयर गिट्टी, एमलसन, टैगकोड, पीसी और सीलकोट का पालन नहीं किया जा रहा है।सड़क निर्माण के लिए निर्धारित मानकों के अनुसार, सड़क में तीन लेयर गिट्टी डाली जानी चाहिए, इसके बाद एमलसन, टैगकोड और पीसी (पाथ वे कनेक्टिविटी) का प्रयोग किया जाता है, और अंत में सीलकोट से उसे मजबूती दी जाती है। 
 
लेकिन इन मार्गों पर केवल आधा इंची गिट्टी से पीसी किया गया है, जिसमें डामर की मात्रा बेहद कम है, और सीलकोट का इस्तेमाल भी नहीं किया गया है। यह निर्माण कार्य इस कदर अव्यवस्थित है कि पूरी सड़क में जगह-जगह 'जम्पिंग' देखने को मिल रही है।स्थानीय नागरिकों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है। आशीष यादव, मनीष कुमार और लवलेश जैसे लोगों ने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर इन सड़कों की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि अधिशासी अभियंता, सिंचाई प्रखंड प्रथम, एस.के. प्रसाद और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों ने जानबूझकर इन खामियों को नजरअंदाज किया है।
 
स्थानीय अधिकारियों की शिकायतों पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिशासी अभियंता एस.के. प्रसाद ने कहा कि यह कार्य सुनील चौधरी के द्वारा कराया गया था। अगर कहीं कोई कमी रह गई है तो वह कार्यवाही करेंगे।इस मामले में एक और चौंकाने वाला पहलू सामने आया जब एक स्थानीय मुंशी ने खुले तौर पर कहा कि इस विभाग में भ्रष्टाचार को कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने यह भी जोड़ा कि चाहे योगी सरकार हो या कोई और, यह भ्रष्टाचार बिना किसी रोक-टोक के चलता रहेगा।स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई हो सके, और गुणवत्ता से समझौता करने वालों को सजा मिल सके।
 
 

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