मनरेगा में ई एमबी के अव्यवहारिक आदेश से कार्य प्रभावित 

मनरेगा में ई एमबी के अव्यवहारिक आदेश से कार्य प्रभावित 

लखनऊ - महात्मागांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) इन दिनों नित नए परीक्षणों के दौर से गुजर रही है।नये आदेश के क्रम में मनरेगा तकनीकी सहायकों को ई एमबी का नया आदेश जारी किया गया है, जोकि अव्यवहारिक है। प्रत्येक मनरेगा कार्य में T-3 में आनलाइन एमबी होने के बाद ही मजदूरों के भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।इस सन्दर्भ में ज़ूम मीटिंग में प्रशिक्षण दिया गया, परन्तु व्यवहारिक समस्याओं को नजरंदाज कर दिया गया।
 
Screenshot_2025-02-02-17-24-43-53_c37d74246d9c81aa0bb824b57eaf7062एक तकनीकी सहायक को औसतन 12-15 ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना में कार्य संपादित करना पड़ रहा है। प्रत्येक स्थल पर एक ही समय पर पहुंचना सम्भव नहीं है।मात्र 12192/- के अल्प मानदेय के अतिरिक्त कोई यात्रा भत्ता भी नहीं दिया जा रहा है।ई-एमबी हेतु लैपटॉप की भी व्यवस्था नहीं है। मजेदार तथ्य यह भी है कि ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में कार्य कर रही महिला मेट को मनरेगा इंजीनियर (12192/-प्रतिमाह) से अधिक 13530/-(451/-प्रतिदिन) भुगतान किया जाएगा।
 
ग्रामपंचायत में कम से पूर्व वतT-5 की समय सीमा मापन हेतु देने के साथ ही सभी तकनीकी सहायकों को लैपटॉप की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाय। मनरेगा इंजीनियर्स(संविदा) एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष धीरेन्द्र द्विवेदी ने ग्राम्य विकास विभाग को एक पत्र प्रेषित कर तकनीकी सहायकों के साथ हो रही विसंगतियों को इंगित करते हुए,  समुचित विचार विमर्श कर इसे लागू करने की मांग की है। तकनीकी सहायकों में जल्दबाजी में लिये जा रहे इस निर्णय से चिन्ता व्याप्त है।
 
 

About The Author

Post Comment

Comment List

No comments yet.

Online Channel