गुणवत्तापूर्ण शोध से समाज को होगा लाभः प्रो. वंदना सिंह

पर्स प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन ग्रुप के सदस्यों को कुलपति ने किया सम्मानित

गुणवत्तापूर्ण शोध से समाज को होगा लाभः प्रो. वंदना सिंह

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा "प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस" (पर्स) अनुदान से सम्मानित किया जाना न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इस प्रतिष्ठित उपलब्धि से विश्वविद्यालय में शोध और नवाचार को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे समाज को भी व्यापक लाभ होगा।
 
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि को एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह सम्मान शिक्षा और शोध के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की पहचान को और सशक्त करेगा। इस परियोजना से जुड़े शोध न केवल अकादमिक क्षेत्र को समृद्ध करेंगे, बल्कि उद्योग और समाज के लिए भी उपयोगी साबित होंगे। इससे विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय शोध के अवसर मिलेंगे, जिससे वे नवाचार और उद्यमिता की ओर अग्रसर हो सकेंगे।
 
उन्होंने पर्स प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन ग्रुप के सदस्यों को सम्मानित किया, जिसमें डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. काजल डे, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. रामांशु सिंह, डॉ. मिथिलेश सिंह, डॉ. दिनेश वर्मा एवं प्रो. गिरिधर मिश्र शामिल रहे। उन्होंने पर्स टीम को यह भी निर्देश दिया कि वे प्रोजेक्ट के प्रस्तावित कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करें और शोध में प्राप्त परिणामों को उच्च गुणवत्ता वाले जर्नल्स में प्रकाशित करें तथा पेटेंट फाइल करें।
 
 कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि हमें सरकार की हर परियोजनाओं पर पैनी नजर रखनी होगी। हमारे विश्वविद्यालय के अन्य विभाग के लोग भी अपने से संबंधित परियोजनाओं पर अनुदान ले आए ताकि विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा और शोध की गुणवत्ता में सुधार हो ।
 
परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह ने कहा इस परियोजना के अंतर्गत उच्च श्रेणी के नैनो-मटेरियल्स विकसित किए जाएंगे, जिनका उपयोग सोलर सेल, बैटरी, थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस एवं हाइड्रोजन एनर्जी डिवाइस बनाने में किया जाएगा। इसके साथ ही, एस.एस.आर. कार्यक्रम के माध्यम से अन्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शोधार्थियों को भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।कार्यक्रम का संचालन पर्स ग्रुप के सह-समन्वयक डॉ. काजल डे ने किया।
 
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आचार्यों ने विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. वीडी शर्मा, प्रो. अविनाश पाथर्डिकर, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. प्रमोद यादव, उपकुलसचिव अजीत सिंह सहित अन्य शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
 
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