उतरौला तहसील में महिला छात्रावास की मांग
उतरौला में महिला छात्रावास की कमी से लड़कियों की शिक्षा पर असर
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उतरौला (बलरामपुर) - सैकड़ों सालों से अस्तित्व में रहे उतरौला तहसील क्षेत्र में आज तक कोई महिला छात्रावास नहीं खोला गया है, जिसके कारण क्षेत्र की लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ता है। तहसील की स्थापना 1975 में हुई थी, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में यह क्षेत्र काफी पिछड़ा हुआ है। तहसील क्षेत्र के चार विकास खण्ड - श्रीदत्तगंज, उतरौला, रेहरा बाजार, और गैडास बुजुर्ग - में कई इंटर कॉलेज, डिग्री कॉलेज, पॉलिटेक्निक, और आईटीआई स्थापित किए गए हैं, लेकिन इन शैक्षिक संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने के लिए लड़कियों के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
ग्रामीण इलाकों में स्कूल और कॉलेज काफी दूर-दूर स्थित होने के कारण लड़कियां शिक्षा प्राप्त करने के लिए रोजाना 5 से 7 किलोमीटर साइकिल पर सफर करती हैं। यह दूरी उन लड़कियों के लिए और भी बढ़ जाती है जो दूसरे ब्लाक या जिले से आते हैं, जिससे उन्हें और अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इन कठिनाइयों से बचने के लिए कई लड़कियां अपने घरों से दूर किराए के मकान में रहकर पढ़ाई करती हैं।
चिंता की बात यह है कि यहां के कई प्राइवेट कॉलेजों में तो विद्यार्थियों के लिए सुविधाएं हैं, लेकिन महिलाओं के लिए छात्रावास की कोई सुविधा नहीं है। महिला छात्रावास की कमी के कारण कई लड़कियां अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ देती हैं, जिससे उनके शिक्षा का सपना अधूरा रह जाता है। इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए क्षेत्रवासियों और शिक्षा प्रबंधकों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
उतरौला तहसील क्षेत्र को आकांक्षी जिले में शामिल किया गया है, लेकिन इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए छात्रावास खोलने की दिशा में कोई भी सरकारी पहल या प्रशासनिक प्रयास नजर नहीं आता। क्षेत्र के लोगों की आशा थी कि इस इलाके को विशेष ध्यान मिलेगा, लेकिन इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
उतरौला विकास मंच के अध्यक्ष आदिल हुसैन ने इस गंभीर समस्या के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर महिला छात्रावास बनाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम क्षेत्र की लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने में सहायक होगा और क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बेहतर हो सकेगा।
लोकतंत्र सेनानी चौधरी इरशाद अहमद गद्दी काफी अरसे से शिक्षा के बेहतरी के मांग करते रहे हैं उन्होंने कहा कि उतरौला तहसील में महिला छात्रावास की आवश्यकता अब और भी महसूस की जा रही है, ताकि लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर सकें और उनके भविष्य के दरवाजे खुल सकें। प्रशासन को इस दिशा में तत्काल कदम उठाना चाहिए और महिलाओं के लिए शिक्षा की समान अवसर सुनिश्चित करना चाहिए।
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