डीएम ने उर्सला अस्पताल में पाई घोर लापरवाही, सीएमओ, एसीएमओ को नोटिस
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कानपुर।जिलाधिकारी श्री जितेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा आज उर्सुला हॉर्समैन मेमोरियल जिला चिकित्सालय, उर्सुला का औचक निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी को कई खामियां मिलीं।चिकित्सालय के अंदर निर्मित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कंट्रोल रूम के निरीक्षण के दौरान जिसके नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. आर. के. गुप्ता बिना कार्यालय में उपस्थित हुए किसी मीटिंग में चले गए थे। उपस्थिति रजिस्टर देखने से पता चला कि दो अन्य कर्मचारी भी नदारद रहे। पाया गया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा वार्ड के निरीक्षण के साथ-साथ नहीं नियमित देखभाल भी नहीं किया जा रहा है।
यह भी पाया गया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय 30 से 35 कर्मचारी उर्सुला अस्पताल में अटैच है जबकि वहां इतने कर्मचारियों की आवश्यकता नहीं है l पाया गया कि 20 बेड के आयुष्मान वार्ड में कुल 8 मरीज भर्ती थे लेकिन वहां एक भी डॉक्टर उपस्थित नहीं पाया गया। जिलाधिकारी द्वारा जब यह पूछा गया कि इस वार्ड में किस डॉक्टर की ड्यूटी लगी हुई है इस पर वहां उपस्थित चिकित्सालय के डायरेक्टर समेत कोई अन्य जिम्मेदार संतोषजनक उत्तर न दे पाए। उक्त वार्ड में जिलाधिकारी द्वारा बिताए गए 15 से 20 मिनट तक भी कोई डॉक्टर वहां उपस्थित नहीं हुआ l

इसके उपरांत जिलाधिकारी द्वारा उर्सुला चिकित्सालय के डायरेक्टर के अधीनस्थ कर्मचारियों के उपस्थिति रजिस्टर को देखा गया। पाया गया कि लिपिक किरण रजिस्टर पर बिना साइन किया नदारद रही जबकि अन्य कर्मचारी राकेश मौर्य आकस्मिक अवकाश पर रहे। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी द्वारा यह भी पाया गया कि चिकित्सालय के डायरेक्टर हेल्प डेस्क और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के हेल्प डेस्क पर ताला लगा मिला। वहां उपस्थित मरीजों ने जिलाधिकारी को बताया कि ड्यूटी पर चिकित्सालय के कर्मचारी व डॉक्टर समय पर उपस्थित नहीं होते हैं मरीजों को मूलभूत सुविधाएं देने के नाम पर मात्र खाना-पूर्ति की जा रही है।
जिलाधिकारी ने पाया कि चिकित्सालय के अंदर बनी सड़क भी ऊबड़- खाबड़ है जिससे एंबुलेंस के आवागमन में मरीजों को अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पाया कि कई मरीज बैठने की चिकित्सालय द्वारा बैठने की समुचित व्यवस्था न होने के कारण जमीन पर ही बैठे मिले, इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उक्त घोर लापरवाही एवं अनुशासनहीनता को देखते हुए जिलाधिकारी द्वारा संबंधित को एसीएमओ डॉ. आर. के. गुप्ता वह मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर हरिदत्त नेमी को कारण बताओं नोटिस जारी करने के साथ-साथ तीनों अनुपस्थित कर्मचारियों के वेतन रोकने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि चिकित्सालय के अंदर सड़क को दुरुस्त किया जाएं डायरेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी नियमित तौर पर ओपीडी में मरीजों का इलाज करें l डायरेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि उनके अधीनस्थ कर्मचारी या डॉक्टर समय पर उपस्थित होते हैं या नहीं, इसके लिए उपस्थिति रजिस्टर को नियमित देखा जाए।
उन्होंने निर्देश दिए की अस्पताल परिसर में मरीजों के बैठने के लिए प्राप्त संख्या में चेयर लगवाया जाए। किसी भी मरीज को मूलभूत सुविधाओं व आवश्यक दवाओ से वंचित न रखा जाए l यह डायरेक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी की प्राथमिक जिम्मेदारी भी है l सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस ना करें अन्यथा उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी l
उन्होंने निर्देशित करते हुए यह भी कहा कि सभी डॉक्टर सेवाभाव के साथ काम करें और इस पेशे को बदनाम ना करें। डॉक्टरों की यह भी जिम्मेदारी है कि वह अपनी प्रतिभा व कर्तव्यनिष्ठा का ऐसा इस्तेमाल करें जिससे मरीजों को निजी चिकित्सालयो में न जाना पड़े। चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधा को जमीन पर उतारना और उसे आम जनमानस को तक पहुंचाना शासन के साथ-साथ जिला प्रशासन की भी प्राथमिकता है।
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