बाराबंकी के अधिवक्ताओं पर दर्ज मुकदमा वापस ले सरकार--राकेश शरण मिश्र
संयुक्त अधिवक्ता महासंघ ने इस हेतु मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
On
सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश -विगत दिनों अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 को लेकर देश भर के अधिवक्ताओं ने इस बिल के विरोध में जमकर शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन किया था और उसी बिल के विरोध में बाराबंकी के अधिवक्ताओ द्वारा भी विरोध प्रदर्शन किया गया था जिस पर बाराबंकी पुलिस द्वारा दुर्भावना वश बाराबंकी के ग्यारह अधिवक्ताओं(गुड्डू अवस्थी,रितेश मिश्र,मनीष तिवारी ,अशोक वर्मा,अतुल कुमार वर्मा, दीपक कुमार बाजपेई, रूबी सिंह, अनुराग तिवारी,विजय कुमार पांडेय, अनुराग शुक्ला,सतीश पांडेय) पर नामजद मुकदमा पंजीकृत करना और 50 अन्य अज्ञात अधिवक्ताओं पर भी मुकदमा पंजीकृत करना बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण है।
उक्त बातें संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए पत्र में कहीं है। श्री मिश्र ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि बाराबंकी के अधिवक्ताओ पर मुकदमा पंजीकृत करना लोकतंत्र की हत्या है क्योंकि अधिवक्ताओं ने सदा ही गलत बातो और गलत नीतियों का सदा से विरोध किया है और अपनी आवाज मुखर की है फिर वो चाहे स्वतंत्रता के पहले अंग्रेजी शासन सत्ता की गलत नीतियां रही हो या वर्तमान सरकार की।
उन्होंने पत्र में लिखा है कि अधिवक्ता समाज सदा ही संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों की लड़ाई लड़ता रहा है और जब अधिवक्ता संशोधन बिल 2025 में संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के हनन की बाते लिखी गई है तो अधिवक्ता समाज भला उसका विरोध क्यों ना करे। और यह विरोध पूरे देश के अधिवक्ताओं द्वारा किया गया है लेकिन कहीं भी बाराबंकी पुलिस की तरह दुर्भावनावश मुकदमा पंजीकृत नही किया गया है इसलिए बाराबंकी पुलिस द्वारा अधिवक्ताओं पर बीते अठाईस फरवरी को दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लेना न्याय हित में है और अधिवक्ता समाज आपसे यही अपेक्षा भी करता है।
श्री मिश्र ने पत्र में लिखा है कि मा. मुख्यमंत्री जी आप भली भांति अवगत है कि अधिवक्ताओं ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर देश को स्वतंत्र कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आज भी बिना किसी वेतन,बिना किसी पेंशन और बिना किसी सरकारी मदद के अधिवक्ता समाज देश और समाज के लिए अपना जीवन पूर्ण रूप से समर्पित कर रात दिन अपने न्यायिक जिम्मेदारियों को पूरा करने में लगा रहता है और इसके बावजूद उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा आय दिन इस प्रकार का अधिवक्ता विरोधी कृत्य करना बेहद दु:खद है। उन्होंने कहा कि दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग किया है।
About The Author
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
Related Posts
राष्ट्रीय हिंदी दैनिक स्वतंत्र प्रभात ऑनलाइन अख़बार
14 Dec 2025
13 Dec 2025
12 Dec 2025
Post Comment
आपका शहर
14 Dec 2025 22:42:57
School Holiday: साल के आखिरी महीने दिसंबर का दूसरा सप्ताह अब समाप्त होने जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर...
अंतर्राष्ट्रीय
28 Nov 2025 18:35:50
International Desk तिब्बती बौद्ध समुदाय की स्वतंत्रता और दलाई लामा के उत्तराधिकार पर चीन के कथित हस्तक्षेप के बढ़ते विवाद...

Comment List