निर्मल और स्वच्छ मन वाले को ही मिलता है भगवान का आशीर्वाद

निर्मल और स्वच्छ मन वाले को ही मिलता है भगवान का आशीर्वाद

कौशाम्बी। नगर पंचायत दारानगर कड़ाधाम के वार्ड नम्बर 09 राधा कृष्ण नगर के  छोटी दरबार में चल रही  संगीतमय श्री राम कथा के तीसरे दिन स्वामी पुंडरीकाक्षाचार्य  वेदांती जी महाराज ने बताया कि धरती पर अधर्म का बोलबाला होता है तब भगवान का किसी न किसी रूप में अवतार होता है। भगवान चारों दिशाओं में विद्यमान है। इन्हें प्राप्त करने का मार्ग मात्र सच्चे मन की भक्ति ही है।वेदान्ती महराज ने कहा कि भगवान सर्वत्र व्याप्त है। प्रेम से पुकारने व सच्चे मन से सुमिरन करने पर भगवान कहीं भी प्रकट हो सकते है।
 
भगवान राम के जन्म की व्याख्या करते हुए बताया कि संत कृपा के तप से भगवान ने राजा दशरथ व रानी कौशल्या के घर जन्म लिया। भगवान राम के जन्म की व्याख्या के दौरान जैसे ही कथा व्यास ने भजन गाया वैसे ही श्रोता झूम उठे। उन्होंने धर्म और संप्रदाय में अन्तर को समझाते हुए बताया कि धर्म व्यक्ति को अंदर से एकजुटता का भाव पैदा करता है, वहीं सम्प्रदाय व्यक्ति को बाहरी रूप से एक बनाता है।मनुष्य की चार प्रजाति बताई। प्रथम नर राक्षस जो सदैव दूसरे को नुकसान पहुंचाता है। दूसरा नर पशु ये मनुष्य अपने जीवन को निरीह प्राणी की तरह जीते हैं।
 
तीसरा सामान्य नर ये अच्छा जीवन यापन करते हैं एवं अच्छे संस्कार के होते हैं, लेकिन न तो किसी अच्छे का साथ देते है न तो बुरे लोगों को उनके कर्मों में रोकने का प्रयास करते हैं। चौथे प्रकार का मनुष्य सबसे उत्तम प्राणी होता है वह अपने जीवन से परोपकार, धर्म व संस्कार, दूसरों की चिंता करता है। देश की युवा पीढ़ी पर चिंता व्यक्त करते हुए वेदांती जी ने कहा कि आज युवा पाश्चात्य सभ्यता के भंवर में फंसा हुआ है। तीसरे दिन के  राम कथा कार्यक्रम में डीजीसी सोमेश्वर तिवारी, विनोद मिश्रा, शिवप्रसाद त्रिपाठी, उमेश मिश्रा मनीष पाठक ,शशि कमल मिश्रा, आनंद मिश्रा ,प्रभाकर शुक्ला,ओमनीश तिवारी सहित तमाम श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel