पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना आज की महंती आवश्यकता है :  कुलपति प्रोफेसर कविता शाह

पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना आज की महंती आवश्यकता है :  कुलपति प्रोफेसर कविता शाह

सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर में शुक्रवार को "पर्यावरण परिवर्तन, सततता, प्रौद्योगिकी और नवाचार" विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें देशभर से लगभग 70 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। । कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कविता शाह ने की। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर कविता शाह ने कहा कि पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना आज की महत्ती आवश्यकता है, और इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों को अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में विशेष योगदान देना होगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि स्थायी विकास केवल सामूहिक प्रयासों के माध्यम से ही संभव है, और विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
 
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि उपविभागीय वन अधिकारी (एसडीएफओ) सिद्धार्थनगर, श्रीमती वीना तिवारी ने वनों के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीतियों और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग पर बल दिया। संगोष्ठी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के दो प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने आमंत्रित व्याख्यान प्रस्तुत किए। इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बीएचयू, वाराणसी डॉ. शशि पांडेय राय  ने "पादप द्वितीयक चयापचयों के पारिस्थितिक प्रभाव" पर व्याख्यान दिया।
 
उन्होंने बताया कि पादप द्वितीयक चयापचय  न केवल औषधीय और औद्योगिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि वे पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। दूसरा आमंत्रित व्याख्यान बीएचयू, वाराणसी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान, निदेशक, प्रो. वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने निर्मित वेटलैंड के अनुप्रयोग" विषय पर अपना आमंत्रित व्याख्यान दिया। उन्होंने निर्मित वेटलैंड  को एक प्राकृतिक, सतत और किफायती समाधान बताते हुए इसके विभिन्न अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला पर व्याख्यान दिया। 
इस दौरान डॉ. आशुतोष वर्मा , डॉ. अंकिता श्रीवास्तव  प्रो. प्रकृति राय ने भी संबोधित किया।
 
इस संगोष्ठी में पोस्टर और मौखिक प्रस्तुति सत्र आयोजित किए गए, जिसमें विभिन्न शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए। संगोष्ठी में शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया जिनमें मौखिक प्रस्तुति  के लिए अनुराधा त्रिपाठी को प्रथम स्थान, हर्षिता सिंह को द्वितीय स्थान, कविता चौधरी को तृतीय स्थान, जबकि पोस्टर प्रस्तुति के लिए श्वेता भट्ट को प्रथम स्थान, वर्तिका द्विवेदी को द्वितीय स्थान, एकता सिंह को तृतीय स्थान प्रदान किया गया। इस संगोष्ठी के समापन सत्र में भौतिकी विभागाध्यक्ष डॉ. कौशलेंद्र चतुर्वेदी ने अंतिम प्रतिवेदन  प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में गणित विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र कुमार सिंह ने धन्यवाद दिया ।  

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