सीडीओ ने किया ग्राम पंचायत कूरा का निरीक्षण, कई खामियों पर दिए सुधार के निर्देश
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अमेठी। मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल ने विकासखंड तिलोई की ग्राम पंचायत कूरा का निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों की समीक्षा की गई और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए। निरीक्षण के दौरान सामुदायिक शौचालय, आर.आर.सी. (रिकवरी रिसोर्स सेंटर) और आंगनबाड़ी केंद्र में गंभीर खामियां पाई गईं, जिनके समाधान हेतु सख्त निर्देश जारी किए गए।सामुदायिक शौचालय कूरा -निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ग्राम पंचायत में संचालित सामुदायिक शौचालय की स्थिति संतोषजनक नहीं थी।
शौचालय के बाहर न तो नामित स्वंय सहायता समूह का नाम अंकित था और न ही इसके सदस्यों का विवरण प्रदर्शित किया गया था। इसके अलावा, शौचालय के खुलने और बंद होने का कोई उल्लेख नहीं था, जिससे स्पष्ट हुआ कि इसका नियमित संचालन सुनिश्चित नहीं किया जा रहा है।साथ ही, शौचालय के नल और पाइपलाइन खराब स्थिति में पाए गए, और आगंतुकों के लिए उपस्थिति रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं था। यह दर्शाता है कि शौचालय के रखरखाव की निगरानी पंचायत सचिव द्वारा नहीं की जा रही है, जो अत्यंत गंभीर विषय है। सीडीओ ने खंड विकास अधिकारी तिलोई को निर्देश दिया कि तीन दिवस के भीतर दोषी कर्मियों का स्पष्टीकरण प्राप्त कर आवश्यक सुधार सुनिश्चित करें।
आर.आर.सी. कूरा -स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत निर्मित आर.आर.सी. (रिकवरी रिसोर्स सेंटर) का भी निरीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि इसे सही तरीके से उपयोग में नहीं लाया जा रहा है। इस पर सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), तिलोई और पंचायत सचिव, कूरा से इसका कारण पूछा गया, किंतु वे कोई संतोषजनक उत्तर देने में असमर्थ रहे।निरीक्षण के समय मौके पर कंसल्टिंग इंजीनियर भी अनुपस्थित पाए गए, जिससे परियोजना के समुचित संचालन में लापरवाही सामने आई। इस पर सीडीओ ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की और खंड विकास अधिकारी, तिलोई को निर्देशित किया कि कंसल्टिंग इंजीनियर से स्पष्टीकरण प्राप्त कर प्रस्तुत करें। साथ ही, निर्माणाधीन आर.आर.सी. की विस्तृत जांच कर आख्या प्रस्तुत करने और संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करने के निर्देश दिए गए।
आंगनबाड़ी केंद्र-II कूरा निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र-II कूरा का भी जायजा लिया गया। मौके पर आंगनबाड़ी सहायिका, शिवपती, उपस्थित थीं और लगभग 08 बच्चे भी मौजूद थे। जब उनसे केंद्र में पंजीकृत बच्चों की सूची और नामांकन रजिस्टर प्रस्तुत करने को कहा गया, तो वे इसे उपलब्ध नहीं करा सकीं और कोई संतोषजनक उत्तर भी नहीं दिया।इसके अलावा, यह भी पाया गया कि बच्चों के लिए दिए जाने वाला खाद्यान्न आंगनबाड़ी केंद्र पर उपलब्ध न होकर ग्राम पंचायत के प्राथमिक विद्यालय में रखा जा रहा था। बच्चों के लिए उपलब्ध खेल-कूद सामग्री भी खोली नहीं गई थी, बल्कि उसे भवन की एक अलमारी के ऊपर रखा गया था।
इन सभी खामियों को गंभीरता से लेते हुए, सीडीओ ने बाल विकास परियोजना अधिकारी, तिलोई का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकने के निर्देश दिए। साथ ही, संबंधित अधिकारियों से इस संबंध में तीन दिवस के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया। जिला कार्यक्रम अधिकारी, अमेठी को निर्देशित किया गया कि वे इस केंद्र की विस्तृत जांच कर आख्या प्रस्तुत करें।निरीक्षण के समापन पर सीडीओ ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पंचायत स्तर पर संचालित सभी विकास योजनाओं की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि भविष्य में कोई कमी पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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