सरकारी हैं आम नहीं, चढावा नहीं तो काम नहीं!
-अघोषित नियमावली का अक्षरशः पालन कर रहे कर्मचारी
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मथुरा। जब तक बढ़ावा नहीं तब तक कोई काम नहीं। सरकारी महकमों में यह अघोषित नियमावली है जिसका कर्मचारी अक्षरशः पालन कर रहे हैं। यह नियमावली उन अज्ञात कर्मचारियों के लिए वरदान साबित हो रही है जिनका कोई लेखा जोखा विभाग के पास नहीं है। नहीं वह किसी कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं और नहीं बाध्य। जबकि वह विभागों में उन पटलों पर बैठे हैं जिनके बिना न जनता का और नहीं विभाग का काम चल सकता है। जब यह घोषित कर्मचारी नहीं हैं तो इन्हें अपनी पगार का भी खुद ही जुगाड़ करना होता है।
यह शिकायत महावन तहसील में कार्यरत एक लेखपाल के साथ लगे एक अज्ञात कर्मचारी की है। विकास पुत्र भूरा निवासी गांव नगला पोला ने एसडीएम के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई है कि कर्मचारी द्वारा खसरा बनाने के लिए उससे 600 रुपये की रिश्वत मांगी जा रही है। पैसे मांगने और न देने पर काम न करने की बात करते कर्मचारी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
कम रुपये देने की बात पर कर्मचारी किसान को फटकार लगा कर पूरी धनराशि लेने की जिद करता दिखाई दे रहा है। इसी तरह की शिकायत लेकर मंगलवार को एक पीडित एसएसपी कार्यालय पहुंचा और एक लिखित शिकायती पत्र दिया। नगेन्द्र पुत्र जगवीर सिंह निवासी बैकुंड बिहार ने शिकायत पत्र में आरोप लगाया है कि एक नामजद व्यक्ति ने उसका फोन चुरा लिया है। जब वह इसकी शिकायत लेकर थाना हाइवे की मंडी चौकी पहुंचा तो चौकी मंे पुलिसकर्मियों द्वारा साफ कहा गया कि जब तक चढावा नहीं तब तक काम नहीं। पुलिस के पास शिकायत लेकर जाने की जानकारी उस व्यक्ति के परिजनों को भी हो गई जिसने उसका महंगा मोबाइल लिया है। परिजन घर आकर धमका रहे हैं और पुलिस शिकायत करने पर देख लेने की धमकी दे रहे हैं।
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