फीस जमा न होने पर बच्चे को तीन घंटे धूप में बिठाया
-मां ने कहा बच्चे के पिता को चार महीने नहीं मिली है पगार
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मथुरा। सरकारी शिक्षा व्यवस्था से मोह भंग होना अभिभावकों के साथ बच्चों को भी भारी पड रहा है। ऐसे अभिभावकों की तादात बहुतायत में है जिनके पास ठीक रोजगार नहीं है। नियमित पगार नहीं मिलती, ऐसे में उनके सामने कभी भी आर्थिक संकट खडा हो जाता है। इसका खामियाजा उनके पाल्यों को भी भुगतना पडता है। इसका उन बच्चों की मानसिक अवस्था पर विपरीत असर पड रहा है। राया कस्बे की एक निजी शिक्षण संस्था में मंगलवार को एक बच्चे को इसी तरह की विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पडा।
कृष्णा की मां ने विद्यालय प्रबंधन को आश्वासन दिया कि वह 21 मार्च को किसी भी तरह बच्चे की फीस जमा कर देंगे। यह आश्वासन संभवतः इस बिना पर था कि कृष्णा के पिता को पगार मिल जाएगी। इससे पहले ही मंगलवार को विद्यालय प्रबंधन ने कडा फैसला ले लिया। बच्चे को परीक्षा से वंचित करने के साथ ही तीन घंटे तक धूप में बैठने के लिए मजबूर किया जिससे वह अभिभावकों पर फीस जमा करने के लिए घर जाकर दबाव बनाए।
छात्र के परिजनों ने विद्यालय प्रबंधन पर बच्चे को मानसिक रूप से उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। विद्यालय के प्रधानाचार्य उमेश सारस्वत का कहना है कि फीस को लेकर पिछले पांच महीने से परिजनों को लगातार सूचनाएं भेजी जा रही थीं लेकिन हर बार जबाव मिलता अगले माह फीस जमा करा दी जाएगी लेकिन फीस जमा नहीं किये जाने पर बच्चे को कुछ समय के लिए कक्षा से बाहर किया गया था लेकिन पुनः उसे बिठा कर परीक्षा कराई गई थी। कृष्णा के परिजनों ने विद्यालय प्रबंधन पर जो आरोप लगाए है गलत हैं। जिसकी बाद में उन्होंने माफी भी मांगी है।
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