मुसलमानों को ईद पर सौगात ए मोदी नही, न्याय और नागरिक सम्मान की बहाली चाहिए- अरशद अली।

मुसलमानों को ईद पर सौगात ए मोदी नही, न्याय और नागरिक सम्मान की बहाली चाहिए- अरशद अली।

प्रयागराज। अल्पसंख्यक कांग्रेस के नि वर्तमान शहर अध्यक्ष अरशद अली ने कहा है हमें हमारे शासक से ईद का तौहफें मे राशन की खैरात और कफन का लिबास नही बल्कि  नागरिक सम्मान और हमारे खिलाफ फैलाई जा रही धार्मिक नफ़रत-कट्टरवाद से सुरक्षा चाहिए  ॥ अगर सच में अब सत्ता हमारे विश्वास और विकास की सकारात्मक पहल करना चाहती है तो फिर सबसे पहले  ग्यारह सालों में फैलाई गई इस नफ़रत को खत्म करे वही मुस्लिम समाज के लिए ईद का तोहफ़ा होगा 
 
अरशद अली ने कहा 
मोदीमित्र राशन किट से ज्यादा  हमारा नागरिक सम्मान और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का विश्वास बहाल होना जरूरी है।
 
क्या यह सौगात उन्हीं मुसलमानों को दिया जा रहा है जिसके बारे में आप सभ्य हिंदू समाज को यह कहते हुए डरा रहे थे कि यह तुम्हारा मंगलसूत्र लेकर भाग जाएंगे या तुम्हारी  दो भैसे में से एक भैंस लेकर भाग जाएंगे यह जिन्हें कपड़ों से पहचान करते थे, जिनके सैकड़ो बच्चे हैं...?
 
हर रोज हमारी आत्मा पर  धार्मिक नफ़रत और कट्टरवाद का थप्पड मारकर एक दिन का दुलार और उसी पल ही कही हमारे आशियानें पर होता बुलडोज़र वार ...?
 
हमारे घरों पर मोदीसरकार का बुलडोज़र चल रहा है, हमें गद्दार दंगाई और आतंकी कहा जा रहा है ॥
हमारी वक्फ संपत्ति को छिनने के लिए के संसद में कानून बनाया जा रहा है ॥
हम पर मुगलों का इतिहास बताकर हमले हो रहे है, हमारे नौजवानों को दंगाई बताकर जेल में डाला जा रहा है॥ 
खुल्लेआम कत्लेआम के भाषण दिए जा रहे हैं 
अगर सचमें मोदीजी आप  देश के मुसलमानों कुछ देना चाहते है तो सबसे पहले ये धार्मिक कट्टरवाद और आपके पार्टी के नेता जो अपने जहरीला भाषण नफ़रत हमारे खिलाफ फैलाई जा रही है इसे बंद कराए ।
 
 आपके दल की राज्य सरकारें हमारे धार्मिक स्थलों हमारी इबादतगाहों पर बुलडोज़र चला रही है , मदरसाओं को अवैध बताकर बंद करने के षड्यंत्र रच रही है हमारे खिलाफ आर्थिक बहिष्कार के हुक्म दे रही है मुसलमान आपके जुल्म ओ सितम पर आंसू बहाएं या आप की उदारता पर मुस्कुराए आखिर सत्ता के द्वारा किये जा रहे अन्याय के बाद भी कैस आपको अपना हितैशी माने ..? कैसे विश्वास किया जाए???
 
CAA और इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल  सैकड़ों लोगों की  गिरफ्तारी , माबलिंचिंग में सैकड़ों एखलाक की हत्याएं, शरियत में दखल, हर मस्जिद पर हमला, अज़ान पर हमले, मदरसों में ताले , दंगों में हजारों की जान और बड़े छोटे सभी नेताओं द्वारा मुसलमानों को लाखों गालियां, कभी हमारे नबी हज़रत मुहम्मद ﷺ को तो कभी इस्लाम को....
 
इसके बदले एक कुर्ता पजामा, एक सलवार सूट, खजूर का एक पैकेट, एक देशी घी का डिब्बा, चीनी का एक पैकेट और सेवंई कुल मिलाकर करीब ₹5 हज़ार के डिब्बे की "सौगात" बिन मांगे दी जाने वाली भीख है।

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