अन्नपूर्णा रसोई के स्थापना दिवस पर हुआ कवि सम्मेलन का आयोजन

संचालन कर रहे विनोद उपाध्याय हर्षित ने कुछ यूं कहा प्यार की हर कड़ी समझते हैं, कृष्ण की बासुरी समझते हैं, सुनाकर वाहवाही लूटी।

अन्नपूर्णा रसोई के स्थापना दिवस पर हुआ कवि सम्मेलन का आयोजन

बस्ती।
 
बस्ती जिले में कोरोना संकट काल के दौरान गरीबों के लिये लाइफ लाइन बनकर उभरी जय मां अन्नपूर्णा रसोई का सातवां स्थापना दिवस त्रिदेव मंदिरा करूआ बाबा के निकट प्रबंधक राघवेन्द्र मिश्र ‘पट्टू’ के संयोजन में उल्लास के साथ मनाया गया।
 
इस अवसर पर वरिष्ठ कवि डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ की अध्यक्षता में आयोजित कवि सम्मेलन के बाद उपस्थित लोगों ने जय मां अन्नपूर्णा रसोई में भोजन किया।प्रबंधक राघवेन्द्र मिश्र ‘पट्टू’ ने बताया कि जन सहयोग से जय मां अन्नपूर्णा रसोई पिछले सात वर्षो से निःशुल्क भोजन की सेवा उपलब्ध करा रही है।
 
प्रतिदिन दिन में 12 से 2 बजे के मध्य लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। इस अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन शिवा त्रिपाठी की सरस्वती वंदना से आरम्भ हुआ। डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ की रचना ‘आप उन्हें भरपूर प्यार दें, उनके चेहरे को निखार दें, पढ लिखकर जो भटक रहे हैं, उन युवकों को रोजगार दें, सुनाकर वर्तमान विसंगति को स्वर दिया। 
 
संचालन कर रहे विनोद उपाध्याय हर्षित ने कुछ यूं कहा प्यार की हर कड़ी समझते हैं, कृष्ण की बासुरी समझते हैं, सुनाकर वाहवाही लूटी। डा. वी.के. वर्मा की रचना‘ खुद को खुद से जरा जगा लें, पौध प्यार का आज लगा दें’ सुनाकर संदेश दिया।
 
कवि सम्मेलन  में सागर गोरखपुरी, डा. अजीत श्रीवास्तव ‘राज’, डा. राजेन्द्र सिंह ‘राही’, दीपक सिंह प्रेमी आदि की रचनायें सराही गई। बंश गोपाल मिश्र ने आभार व्यक्त किया।
 
इस अवसर पर मुख्य रूप से मजहर आजाद, प्रकाश चन्द्र गुप्ता, राकेश चन्द्र श्रीवास्तव, भावेष पाण्डेय, इमरान अली, राजेश पाण्डेय, महेन्द्र गिरी, जे.पी. उपाध्याय, अनिल पाण्डेय, अनुराग श्रीवास्तव, अरूणेश, सर्वेश, दिनेश कुमार पाण्डेय, अमर सोनी, अनिल कुमार पाण्डेय के साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों, सरोकारों से जुड़े लोग उपस्थित रहे।

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